गेहूँ उपार्जन के लिये 5 फरवरी से शुरू होगी किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया



काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। जिला खाद्य एवं अपूर्ति अधिकारी  ने बताया कि रवि विपणन वर्ष 2022-23 समर्थन मूल्य पर गेहूँ के उपार्जन किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया 5 फरवरी से प्रारंभ होगी। किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया में पूर्व की तुलना में इस बार कुछ बदलाव किये गये है। किसानों को नि:शुल्क और सशुल्क पंजीयन कराने की सुविधा दी गई है। वहीं नई व्यवस्था के तहत पंजीयन के दौरान बैंक खाता नम्बर और बैंक का आईएफएससी कोड दर्ज कराने की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गई है। हालांकि पंजीयन कराने के लिये किसानों को बैंक खाते की पासबुक की प्रति, आधार कार्ड, समग्र आईडी आदि दस्तावेज पंजीयन केन्द्र लाना होगा।    जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया  कि जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जन हेतु किसानों का पंजीयन पांच मार्च तक किया जायेगा। किसान जहां अपने मोबाइल या कम्प्यूटर के माध्यम से निर्धारित लिंक पर जाकर अपना नि:शुल्क पंजीयन करा सकते हैं। वहीं ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत अथवा तहसील कार्यालय में स्थापित सुविधा केन्द्रों तथा सहकारी समिति एवं स्व-सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठनों या किसान उत्पादक समितियों द्वारा स्थापित केन्द्रों में भी किसान अपना नि:शुल्क पंजीयन करा सकेंगे। 

   उन्होने बताया कि किसान शुल्क देकर एमपी ऑनलाइन कियोस्क कॉमन सर्विस सेंटर एवं साइबर कैफे पर भी उपार्जन हेतु अपना पंजीयन करा सकेंगे। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया किपंजीयन की प्रक्रिया में किये गये बदलाव में किसानों को बैंक खाता नम्बर और आईएफएससी कोड की प्रविष्टि कराने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। चूंकि किसानों को उपार्जन केन्द्रों पर बेची गई फसल की कीमत का भुगतान आधार नम्बर से लिंक उनके बैंक खाते में सीधे किया जायेगा। इसलिये किसानों को अपने आधार नम्बर से बैंक खाता और मोबाइल नम्बर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखना होगा। किसान इस कार्य के लिये पोस्ट ऑफिस की सुविधा भी ले सकता है। पंजीयन के लिये आधार नम्बर का व्हेरीफिकेशन जरूरी है।

उन्होने बताया कि पंजीयन कराने और फसल बेचने के लिये आधार नम्बर का व्हेरीफिकेशन अनिवार्य होगा। व्हेरीफिकेशन आधार नम्बर से लिंक मोबाइल नम्बर पर प्राप्त ओटीपी या बायोमेट्रिक डिवाइस से किया जायेगा। उन्होंने बताया कि किसानों का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा, जबकि भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधारकार्ड में दर्ज नाम से होगा। विसंगति होने पर किसान तहसील कार्यालय से अपना सत्यापन कर सकते हैं। उन्होने बताया कि सिकमी अथवा बटाईदार एवं वन पट्टाधारियों को उपार्जन हेतु पंजीयन निर्धारित पंजीयन केन्द्रों पर ही किया जायेगा। पंजीयन केन्द्र के रूप में कार्य करने के लिये निर्धारित प्रारूप में आवेदन देना होगा। उन्होने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ के उपार्जन की प्रक्रिया में किये गये बदलाव के तहत ऐसे एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर, साइबर कैफे एवं लोकसेवा केन्द्र में कार्य करने के इच्छुक है उन्हे निर्धारित प्ररूप मे अपना आवेदन देना होगा।