धार्मिक कार्यक्रम में मची भगदड़, कुचले जाने से 29 लोगों की मौत



मोनरोविया. पश्चिम अफ्रीकी देश लाइबेरिया की राजधानी मोनरोविया के उपनगरीय इलाके में एक धार्मिक कार्यक्रम में मची भगदड़ में कम से कम 29 लोग मारे गए हैं. पुलिस ने इसकी जानकारी दी है. स्थानीय मीडिया के अनुसार, ये हादसा स्थानीय समय के मुताबिक बुधवार की रात या गुरुवार की सुबह के समय हुआ. पुलिस प्रवक्ता मूसेस कार्टर ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि ये अभी शुरुआती आंकड़ें हैं. बताया गया है कि कुछ अपराधियों और उपद्रवियों द्वारा हमला बोला गया था, जिसके बाद ये भगदड़ मची.स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भगदड़ मचने की ये घटना न्यू क्रु टाउन में डी. ट्वेह फील्ड में एक धार्मिक सभा के दौरान हुई, जिसमें 29 लोगों की मौत हुई. इस धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन अब्राहम क्रोमाह के नेतृत्व में मोर ग्रेस इंटरनेशनल मिनिस्ट्रीज द्वारा किया गया था. कथित तौर पर भगदड़ तब हुई जब इलाके के कुछ अपराधियों और गुंडों ने भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रम में उपासकों पर कुल्हाड़ी और अन्य घातक हथियारों से हमला किया. इसके बाद लोगों ने घटनास्थल से भागना शुरू कर दिया, जिसके चलते भगदड़ मच गई. मरने वालों में 17 महिलाएं, 11 बच्चे और तीन पुरुष शामिल हैं.

फिलहाल घटना को लेकर अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन स्थानीय मीडिया ने बताया है कि ये धार्मिक कार्यक्रम ईसाई समुदाय की प्रार्थना से जुड़ा हुआ था. लाइबेरिया में इसे 'धर्मयुद्धÓ के तौर पर जाना जाता है. इसमें लोगों की भारी भीड़ जुटती है. यही वजह है कि कार्यक्रम का आयोजन एक फुटबॉल फील्ड में किया गया था. घटनास्थल पर मौजूद रहे एक इमैनुएल ग्र नामक एक चश्मदीद ने बताया कि उसने लोगों की चीख पुकारों को सुना और जब लोगों की भीड़ निकल गई, तो चारों ओर लाशें बिखरी हुई थीं. इसके बाद मौके पर से लोगों की लाशों को हटाया गया. इलाके में वर्तमान में तनाव पसरा हुआ है.लाइबेरिया अफ्रीका का सबसे पुराना गणराज्य है. ये गरीब देशों की सूची में आता है, जो अभी भी एक के बाद एक हुए गृहयुद्ध से अभी उबर रहा है. ये गृहयुद्ध 1989 से लेकर 2003 तक चले हैं. इसके बाद देश पर इबोला महामारी का प्रभाव भी देखने को मिला है, जो 2014 से 2016 के बीच आया. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी का शिकार बने. लाइबेरिया की एक बड़ी आबादी गरीबी में जीवन गुजारने को मजबूर है.