एमपी पंचायत चुनाव पर बड़ा निर्णय: ओबीसी के लिए रिजर्व सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोकी; जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण भी स्थगित



भोपाल। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव पर बड़ा निर्णय लिया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने ओबीसी के लिए रिजर्व जिला पंचायत सदस्य, जनपद, सरपंच व पंच के पदों के निर्वाचन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह निर्णय शुक्रवार देर शाम लिया गया। इससे पहले पंचायत विभाग ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण पद के लिए शनिवार को होने वाली आरक्षण प्रक्रिया को भी स्थगित कर दिया है।राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पारित आदेश के पालन में पंचायतों के निर्वाचन वर्ष 2021-22 के लिए जारी कार्यक्रम के तहत ओबीसी के लिए आरक्षित पंच, सरपंच, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत सदस्य के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। इस संबंध में कार्यवाही के लिए सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।इधर, पंचायती राज आयुक्त आलोक कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश के 52 जिला पंचायत अध्यक्ष पद की आरक्षण प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है। आरक्षण प्रक्रिया शनिवार 18 दिसंबर को होने वाली थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में देर शाम आदेश जारी कर दिए हैं।बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयोग से कहा कि कानून के दायरे में रहकर ही चुनाव करवाए। ओबीसी के लिए निर्धारित सीटों को सामान्य सीटों में तब्दील करने की अधिसूचना जारी करे, जबकि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव में 13प्रतिशत सीटें पिछड़ा वर्ग  के लिए रिजर्व की गई हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करने के लिए नए सिरे से आरक्षण प्रक्रिया करनी होगी। बता दें कि सीटों का आरक्षण संबंधित क्षेत्र की आबादी के हिसाब से होता है। इसे लेकर चुनाव आयोग ने शनिवार को बैठक बुलाई है।

14 हजार 525 अभ्यर्थी फार्म जमा कर चुके

प्रदेश में पहले और दूसरे चरण के पंचायत चुनाव के लिए अब तक 14 हजार 525 अभ्यर्थी फार्म जमा कर चुके हैं। शुक्रवार को आठ हजार 81 नामांकन जमा किए गए। जिला पंचायत सदस्य के लिए 186, जनपद पंचायत सदस्य के लिए 695, सरपंच पद के लिए 4 हजार 781 और पंच पद के लिए 2 हजार 419 अभ्यर्थियों ने फॉर्म जमा किए। शनिवार को भी नामांकन पत्र जमा किए जाएंगे।बता दें कि अब तक जिला पंचायत सदस्य के लिए 302, जनपद पंचायत सदस्य के लिए 1 हजार 132, सरपंच पद के लिए 9 हजार 371 और पंच पद के लिए 3 हजार 720 अभ्यर्थियों द्वारा फार्म जमा किए जा चुके हैं। नामांकन फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख 20 दिसंबर है। इनकी जांच 21 दिसंबर को होगी और 23 दिसंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।

राज्य निर्वाचन आयोग का फैसला, ओबीसी के  लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर बाकी चुनाव होंगे

भोपाल। राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि ओबीसी(अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर शेष सीटों पर यथावत कार्यक्रम के अनुसार ही पंचायत चुनाव होंगे। यह निर्णय आयोग ने शनिवार को आयोजित बैठक में लिया। इस फैसले के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर पंच तक 98 हजार 319 सीटों पर फिलहाल चुनाव नहीं होंगे। प्रदेश में पहले और दूसरे चरण के पंचायत चुनाव के लिए जिला पंचायत सदस्य से लेकर पंच तक अब तक 14 हजार 525 अभ्यर्थी फॉर्म जमा कर चुके हैं। फिलहाल यह बैठक चल रही है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद आयोग शुक्रवार देर रात ओबीसी सीटों का चुनाव और जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आज होने वाली आरक्षण की प्रक्रिया निरस्त कर चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद अब भोपाल के तीन वार्ड क्रमांक- दो, आठ और 10 में आने वाली 63 पंचायतों में चुनाव प्रभावित होंगे। शेष 47 पंचायतों में ही चुनाव कराए जाएंगे। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करने से चुनाव की अधिसूचना ही खंडित हो गई है। इसके चलते नए सिरे से चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी या पूरा चुनाव ही स्थगित करना पड़ सकता है। फिलहाल आयोग के अंतिम फैसले का इंतजार है। कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पंचायत चुनाव पर कोर्ट के निर्देश को लेकर कहा सरकार ने कोर्ट में सही तरीके से केस पेश नहीं किया है। हम ओबीसी आरक्षण समाप्त करने का विरोध करते हैं।