एक पंचायत ऐसी जहां एक ही आदिवासी वोटर और उम्मीदवार भी वही



सीहोर

क्या आपने सुना है कि तीन गांव की पंचायत जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, वहां उस वर्ग का एकमात्र वोटर है, और चुनाव में एकमात्र उम्मीदवार भी वही है। पढ़कर थोड़ा चौंक गए होंगे, पर ये हकीकत है। ये मामला मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की ग्राम पंचायत पालखेड़ी का है। यह पंचायत आदिवासियों के लिए आरक्षित है। तीन गांव की पंचायत पालखेड़ी में एकमात्र आदिवासी वोटर के रूप में अनीता बाई निवास करती है। अनीता बाई एक बार फिर से ग्राम पंचायत की सरपंच के लिए एकमात्र उम्मीदवार हैं।ग्राम पंचायत पालखेड़ी में तीन गांव पालखेड़ी, जोगड़ाखेड़ी, अतरालिया आते हैं। इन तीनों ही गांवों में अनीता बाई के अलावा कोई दूसरा आदिवासी नहीं है। इसलिए इस बार भी उनका चुना जाना तय है। पिछले ग्राम पंचायत के चुनाव में भी अनीता बाई ग्राम पंचायत पालखेड़ी की सरपंच निर्वाचित हुई थीं। इस बार आरक्षण में बदलाव नहीं होने से उनके अलावा कोई विकल्प नहीं है।अनीता बाई नसरुल्लागंज तहसील के दुर्गा नायक कोसमी गांव की रहने वाली हैं। इन्होंने पालखेड़ी गांव के मुकेश परमार से 20 साल पहले विवाह किया था। कक्षा 5 तक पढ़ी अनीता बाई ने बताया कि उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह कभी राजनीति में आएगी और सरपंच बनेगी, लेकिन पिछले 7 साल से वह सरपंच पद पर रहते हुए गांव में विकास के कार्य कर रही हैं।जिला पंचायत सीईओ हर्ष सिंह ने कहा कि सरकार के नियमानुसार आरक्षण प्रक्रिया होती है। इस बार अरक्षण प्रक्रिया नहीं हुई है तो पुराने आरक्षण के आधार पर ही चुनाव कराए जा रहे हैं। इसलिए पालखेड़ी में ऐसी स्थिति बनी है।  त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में नाम वापसी के बाद अब तस्वीर साफ हो गई है। पहले और दूसरे चरण में सीहोर, इछावर और नसरुल्लागंज की 301 ग्राम पंचायतों में से 225 के लिए चुनाव होना हैं। इनमें से 11 पंचायतें ऐसी हैं जहां एक-एक उम्मीदवार के नामांकन फॉर्म आने से यह निर्विरोध हो गईं। दो ग्राम पंचायतें ऐसी भी हैं जहां पर एक भी नाम निर्देशन पत्र दाखिल नहीं हो सका था। इस तरह से अब 212 पंचायतों में मुकाबला होना है। तीनों जगहों पर 76 पंचायतें ऐसी हैं जो ओबीसी हैं।सीहोर जिले में कुल 497 पंचायतें हैं। इनमें से प्रथम और द्वितीय चरण के लिए सीहोर, इछावर और नसरुल्लागंज के लिए चुनाव की प्रक्रिया पूरी हुई है। सीहोर में 144, इछावर में 70 और नसरुल्लागंज में 87 ग्राम पंचायतें हैं। इस तरह से 301 ग्राम पंचायतों में 76 ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित थीं जिन पर अभी चुनाव नहीं होना है।