विश्व एड्स दिवस परहिंडालको महान ने लगाया एड्स जागरूकता शिविर और बाटें कण्डोम
काल चिंतन संवाददाता,
बरगवां,सिंगरौली। हिंडालको महान ने लोगो को कोरोना के साथ साथ एड्स जैसे बिमारी के प्रति लोगो को जागरूक करने की ठानी और विश्व एड्स दिवस ग्राम ओड़गड़ी में मेडिकल कैम्प का आयोजन कर 300 लोगो का स्वास्थ्य परीक्षण किया व शिविर में लोगो को एड्स जैसे गंभीर बीमारी से बचाव हेतु कौंडम प्रदान किये,विश्वभर में एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल एक दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है. एड्स एक लाइलाज बीमारी है. इसका अभी तक कोई इलाज नहीं मिला है. बचाव ही इसका एकमात्र इलाज है. यह बीमारी, ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस के संक्रमण से होती है.जो एक वायरस है. यह वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम पर अटैक करके टी सेल्स को खत्म करता है. इससे व्यक्ति का शरीर नॉर्मल बीमारियों से भी लड़ने में सक्षम नहीं रह पाता है. समय पर एचआईवी का इलाज नहीं होने से इसका इंफेक्शन बढ़ता है और एड्स का कारण बन जाता है.प्रतिवर्ष विश्व एड्स दिवस पूरे विश्व में 1 दिसम्बर को लोगों को एड्स के बारे में जागरुक करने के लिये मनाया जाता है। एड्स ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (एचआईवी) वायरस के संक्रमण के कारण होने वाला महामारी का रोग है। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने साल 1995 में विश्व एड्स दिवस के लिए एक आधिकारिक घोषणा की थी, जिसके बाद से दुनिया भर में विश्व एड्स दिवस मनाया जाने लगा। एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान की संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। इतने सालों बाद भी अबतक एड्स का कोई प्रभावी इलाज नहीं है। इस बार की थीम एचआईवी महामारी समाप्त करना है ।वही हिंडालको महान ने कंपनी प्रमुख रतन सोमानी के दिशा निर्देशन व मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुखर्जी के मार्गदर्शन में ग्राम ओड़गड़ी में एड्स जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें सी.एस.आर.विभाग की मेडिकल टीम ने 300 ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया व एड्स जैसे गंभीर रोगों से बचाव के जरूरी सामग्री कंडोम का वितरण किया,कार्यक्रम में डॉक्टर राजेश त्रिपाठी ने लोगो को एड्स के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति में गले में खराश,रात के दौरान पसीना आना,वजन घटना,बुखार ,ठंड लगना ,थकान,दुर्बलता ,जोड़ो का दर्द ,मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं और सिर्फ जानकारी ही बचाव इसका इलाज है ,साथ ही कंडोम के इस्तेमाल से इस बीमारी से बचा जा सकता है,वही इस शिविर को सफल बनाने में हिंडालको महान की सी.एस आर.टीम से लखपति बैश्य,अरविंद वैश्य,राम ललन, पिंकी शर्मा व खलालू का विशेष योगदान रहा ।