मप्र सरकार ने अपने हाथों में लिया सेंसर बोर्ड का जिम्मा, गृह विभाग ने तय की नई गाइडलाइन



भोपाल। मध्य प्रदेश की सूबे की शिवराज सरकार अब सेंसर बोर्ड का जिम्मा भी अपने हाथों में लेने जा रही है। प्रदेश में फिल्मों तथा वेब सीरीज की शूटिंग से पहले कलेक्टरों की अनुमति लेनी होगी। इसको लेकर शिवराज सरकार ने गाइडलाइन तय की है।इसकी जानकारी देते हुए प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि फिल्मों की शूटिंग से पहले गृह विभाग ने इसके लिए नई गाइडलाइंस तैयार कर ली हैं। और इसे जल्द ही जारी भी कर दिया जाएगा। 

मंत्री ने कहा कि बाहरी राज्यों से मध्य प्रदेश में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स तथा फिल्मों की शूटिंग करने आने वाले लोगों के अब स्थानीय स्तर पर अनुमति लेनी होगी। नरोत्तम मिश्रा के इस एलान के बाद कहा कि अनुमति मिलने में देरी नहीं होगी। तमाम कलेक्टर तत्काल ही स्क्रिप्ट के प्रमुख बिंदुओं की जानकारी लेकर शूटिंग की अनुमति प्रदान कर देंगे।दरअसल कुछ समय पहले भोपाल में आश्रम वेब सीरीज की शूटिंग के दौरान सेट पर बजरंग दल ने जमकर बवाल मचाया था। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आश्रम वेब सीरीज के निर्माताओं पर आश्रमों की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए उनके सेट पर तोड़फोड़ कर दी थी। वहीं डायरेक्टर प्रकाश पर स्याही भी फेंकी गई थी। इसके बाद प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यह बयान दिया था कि मध्य प्रदेश में अब शूटिंग से पहले निर्माताओं को स्क्रिप्ट दिखानी होगी।इसी कड़ी में बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने खुद ही सेंसर बोर्ड बनाने का एलान कर दिया था। बीजेपी सांसद ने कहा था कि भारती भर्ती अखाड़ा एक डिपार्टमेंट बनाएगा जो कि फिल्म रिलीज होने से पहले उसे देखेगा। साध्वी ने कहा था कि अखाड़ा पहले तो स्क्रिप्ट पढ़ेगा और ऐसी किसी भी फिल्म को बनने ही नहीं देगा जो हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा।