जाने सर्दियों मे΄ दही खाना सही है या गलत?

 


मुंबई। दही हेल्थ के लिए काफी अच्छा होता है। इसे बढ़िया प्रोबायोटिक माना जाता है। प्रोबायोटिक हमारी आहारनाल में अच्छे बैक्टीरियाज बढ़ाते हैं, इनसे हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रहता है। गर्मियों में तो दही, छाछ, लस्सी ये सब लोग जमकर पीते हैं। हालांकि कई लोगों का ऐसा मानना है कि सर्दी में दही नुकसान करता है। इसे खांसी और गला खराब होने की समस्या हो सकती है। जिन्हें दही पसंद है और खाने के साथ नियमित रूप से इसे खाते हैं उनके लिए सर्दियों में दही छोड़ना मुश्किल होता है। यहां जानें आयुर्वेद इस बारे में क्या सलाह देता है और साइंस का क्या कहना है।

जानें क्या कहता है आयुर्वेद: सर्दियों में आलू के पराठे, कचौड़ी, तहरी, खिचड़ी जैसी कई डिशेज हैं जो दही या रायते के बिना अधूरी लगती हैं। कई लोग ऐसा मानते हैं कि दही खाने से गले में खराश और सर्दी-जुकाम की शिकायत हो सकती है। आयुर्वेद में भी सर्दियों में दही न खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह म्यूकस बढ़ाता है। इसकी प्रकृति कफ बढ़ाने वाली होती है। जिन लोगों को पहले से ही सांस और खांसी से जुड़ी समस्याएं हैं उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आयुर्वेद में इसीलिए सर्दी में दही खाने से मना किया जाता है खासकर शाम के वक्त। अगर आपको ऐसी कोई भी दिक्कत है तो शाम 5 बजे के पहले दही खा सकते हैं।

जानें क्या कहता है विज्ञान: वहीं साइंस के मुताबिक, दही प्रोबायोटिक है इसलिए आपकी इम्यूनिटी के लिए अच्छा है। इसमें कैल्शियम, विटामिन क्च12 और फॉस्फोरस भी भरपूर मात्रा में होता है। सर्दियों में हमारी बॉडी में कई तरह के इनफेक्शन जल्दी होते हैं इसलिए प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत रखना भी जरूरी है। बेस्ट तरीका है कि ठंडा दही न खाएं। साथ ही अगर आपका पिछला अनुभव है कि दही से आपको गला खराब, खांसी या जुकाम जैसी दिक्कतें होती रही हैं तो दही न खाएं। दिन के समय, कम खट्टा और कमरे के तापमान पर रखा दही खाया जा सकता है बशर्ते आपको इससे एलर्जी न हो। कई बार दही से एलर्जी की वजह से भी खांसी, गला खराब होने जैसी शिकायत हो जाती हैं। जुकाम, खांसी में दही अवॉइड कर सकते हैं।