पंचायत भाउंखांड़ में विधायक निधि की जमकर बंदरबांट?










सरपंच ने भुगतान में दिखाया खुलकर भाईभतीजावाद, पात्र ग्रामीण वंचित

काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। ग्राम पंचायत भाऊखांड में पदस्थ्य सरपंच एवं सचिव के मनमानी की फेहरिस्त बहुत लम्बी है। उन्होने शासन के सारे नियम कानून को तॉक पर रखकर विधायक निधि से करवाये गये कार्यों में जिस प्रकार भुगतान दर्शित किया है वह काबिले तारीफ है। 

सूत्रों से मिली जानकारी तथा ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर पता चला है कि जनपद पंचायत वैढ़न की ग्राम पंचायत भाऊखांड की सरपंच श्रीमती सविता देवी एवं भाजपा मंडल अध्यक्ष राजू जायसवाल की साठगांठ में विधायक निधि से करवाये गये कार्यों में जिन लोगों को भुगतान होना दिखाया गया है वे इसके पात्र नहीं हैं। जिन लोगों के नाम ई भुगतान पत्र पर अंकित हैं वे धनाढ्य व्यक्ति हैं तथा कुछ तो ऐसे हैं जो प्राथमिक पाठशाला भाऊंखांड (महुआडांड़) में अतिथि शिक्षक रहे हंै। विधायक निधि के लाखों रूपये अपने खास लोगों के खातों में डलवाकर जमकर बंदरबांट होने की शिकायत चर्चा का विषय बनी हुयी है। बतात हैं कि सरपंच सविता देवी जायसवाल अपने पति पप्पू जायसवाल भाई अनूप चंद्र जायसवाल(रमेशपुर छग) जेठानी सति देवी जायसवाल तथा राजू जायसवाल जो पूर्व में भजपा किसान मोर्चा मंडल माड़ा के अध्यक्ष थे, सात साल प्राथमिक पाठशाला भाऊखांड(अतिथि शिक्षक) रहे हैं। इतना ही नहीं राजू की पत्नी श्रीमती शारदा देवी भी उक्त विद्यालय में शिक्षा सत्र मार्च २०२० तक अतिथि शिक्षक रही हैं के नाम से भी पैसे का आहरण किया गया है। उक्त के अलावा आशुतोष इंटरप्राइजेज, शंकर इंटरप्राइजेज, सेजल एसोसिएट्स आदि अनेक नामों से भुगतान प्राप्त करके पैसों की बंदरबांट की गयी है। पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजप किसान मोर्चा तथा सरपंच सविता देवी जायसवाल के कथित कारनामों की फेहरिस्त अभी और लम्बी है। इन्होने निर्माण कार्यों में फर्जी तरीके से अपने चहेते एवं गांव के भरत निवास जायसवाल, राम निवास जायसवाल, अखिलेश कुमार जायसवाल, राम मनोहर जायसवाल, विष्णुकान्ति जायसवाल, रिता जायसवाल, रामरति पत्नी अखिलेश जायसवाल, अनिल जायसवाल पिता सत्यदेव जायसवाल(नाबालिग) अधमोहरी जायसवाल पत्नी लालमन जायसवाल, सुनीता देवी जायसवाल पत्नी शीतल प्रसाद जायसवाल एवं सियाराम जायसवाल आदि ऐसे नाम हैं जिन्होने कभी पंचायत के विकास कार्यों में मजदूरी नहीं की। सियाराम यादव को छोड़कर सभी साधन संपन्न व्यक्ति हैं जिनके नाम से विधायक निधि की राशि की बंदरबांट की गयी है। इतना ही नहीं कार्यालय में विविध व्यय आदि अनेक मदों का फर्जी बिल बाउचर दिखाकर पंचायत की राशि का आहरण किया गया है। क्षेत्र में चर्चा है कि इन लोगों के पास आय से अधिक संपत्ति का अर्जन भी है। गौरतलब है कि पंचायत में इस तरह भाईभतीजावाद करके पैसों का दुरूपयोग किये जाने से जो पात्र गरीब मजदूर हैं वे पंचायत के कार्यों से वंचित हो जाते हैं। सरकार की योजनाओं का लाभ पात्र ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। 

समाज के अंतिम छोर तक खड़े व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए पं.दीनदयाल उपाध्याय योजना का क्रियान्वयन किया गया है लेकिन ग्राम पंचायत भाऊखांड़ में उक्त योजना फलीभूत होती नहीं दिख रही है। पंचायत में जिम्मेदार लोगों के द्वारा जिस तरह भ्रष्टाचार किया गया है वह आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है। 

सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायतों में इस तरह की स्पेच्छाचारिता आम तौर पर देखी जाती है। शिकायत करने पर सीईओ जिला पंचायत द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं किये जाने की भी जोरदार चर्चा है। निहित स्वार्थों को लेकर पंचायतों के पदाधिकारी यदि इसी तरह काम करते रहे तो आने वाले दिनों में सरकार का पंचायती राज का सपना मिट्टी में मिल जायेगा।