मोदी के मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा-निजीकरण से नौकरियां घटेंगी



नई दिल्ली. एक तरफ मोदी सरकार तेजी से सरकारी कंपनियों का निजीकरण कर रही है और उसके फायदे बता रही है. वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार के मंत्री ने ही चिंता जताई है कि इससे नौकरियां घटेंगी. ऐसे में केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने आदिवासी अधिकारों की बात की है. उन्होंने प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण दिए जाने की वकालत की है और साथ ही समाज को आंदोलन की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि जमीन के अधिग्रहण से लेकर आरक्षण नीति तक पर गंभीरता से विचार करना होगा. फग्गन सिंह कुलस्ते जयपुर में मंगलवार को अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की ओर से आयोजित 16वें राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे.मौजूदा समय में अगर किसी सरकारी कंपनी में वैकेंसी निकलती है तो आपको दिखता होगा कि उसमें कई पोस्ट कुछ विशेष वर्ग के लोगों के लिए आरक्षित रहती हैं. वहीं निजीकरण के बाद कंपनियां जाति-वर्ग या आरक्षण के हिसाब से भर्तियां नहीं करेंगी. ऐसे में दबे-कुचले वर्ग को आगे बढऩे के लिए सहारा नहीं मिल पाएगा. इसी वजह से कुलस्ते चाह रहे हैं कि निजी क्षेत्र में भी आरक्षण मिलना चाहिए.


इसी साल हुए हैं ये 3 बड़े निजीकरण

सीईएल- मोदी सरकार की तरफ से कई कंपनियों का निजीकरण किया जा चुका है. इसमें सबसे लेटेस्ट है सीईएल यानी सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड. मोदी सरकार ने इसके निजीकरण को मंजूरी दे दी है और नंदल फाइनेंस ने इसके लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है.

एयर इंडिया- दूसरा सबसे बड़ा और सबसे चर्चित निजीकरण है एयर इंडिया का, जिसे करीब 68 साल पहले सरकार ने टाटा से खरीद लिया था. इस साल टाटा ने एयर इंडिया को फिर से सरकार से खरीद लिया है.

 आईडीबीआई- आईडीबीआई का भी मोदी सरकार ने इसी साल निजीकरण किया है. सरकार ने इस बैंक में पूरी हिस्सेदारी बेच दी है. हालांकि, यहां एक दिलचस्प बात ये है कि इसे सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी ने ही खरीदा है. बता दें कि इसी साल सरकार एलआईसी का आईपीओ भी लाने वाली है.