लोकसभा मे सीवीसी, सीबीआई निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने वाला बिल पेश
विपक्ष ने कहा- इससे सरकारी मशीनरी का होगा दुरुपयोग
नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज कोविड-19 बहस का जवाब दिया है. विपक्षी टीएमसी और एनसीपी के सदस्यों ने पीएम-केयर्स फंड से पैसे के इस्तेमाल के अलावा, कोविड-19 के लिए बूस्टर डोज पर सरकार से अपना रुख जानना चाहा है. लोकसभा में कोरोना वायरस महामारी पर चर्चा में भाग लेते हुए, टीएमसी सदस्य सौगत रॉय ने राजनीतिक नेतृत्व पर महामारी से निपटने में 'संतुष्टताÓ बरतने का आरोप लगाया है.इसके अलावा, संसद सत्र में महिलाओं को शक्तियां प्रदान करने संबंधी जानकारी दी जाएगी. इस दौरान कोविड महामारी का प्रकोप और उसका प्रबंधन कैसे किया गया, जैसे मुद्दों पर सरकार जवाब देने वाली है. कोरोना वायरस के नए ओमीक्रॉन वेरिएंट को लेकर भी चिंता का माहौल है. यही वजह है कि सरकार ने 11 देशों को उच्च जोखिम वाला घोषित कर दिया है. इस बारे में भी सरकार से सवाल किया जाना है.
लोकसभा में सीवीसी, सीबीआई निदेशक के कार्यकाल की अवधि पांच साल तक बढ़ाने वाला बिल पेश किया गया है. विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि ऐसे में सीबीआई जैसी एजेंसी का और सरकारी दुरुपयोग होगा. सेंट्रल विजिलेंस कमीशन बिल 2021 को लोकसभा में पेश किया गया. कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह इस बिल को पेश कर रहे हैं. सीबीआई और ईडी के डिटेक्टर का कार्यकाल बढ़ाये जाने से संबंधित है बिल.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में 'ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतोंÓ के सवाल पर कहा कि हमने सभी राज्यों को पत्र लिखकर इस पर डेटा मांगा था. 19 राज्यों ने जवाब दिया, केवल पंजाब ने ऑक्सीजन की कमी के कारण चार 'संदिग्धÓ मौतों की जानकारी दी.