विख्यात बनारसी पान वाले नहीं रहे


काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। लक्ष्मी मार्केट निवासी बनारसी पान वाले के नाम से प्रसिद्ध पान के दुकानदार का अचानक हृदय गति रूकने से देहांत हो गया। भरा पूरा परिवार छोड़कर अचानक वे चले गये। आज से २५ साल पहले बनारस से आकर उन्होने दुद्धिचुआ बैरियल के पास पान की गुमटी खोली थी। पान के सारे रस देने के कारण वह जल्दी ही चर्चित हो गये। दुद्धिचुआ, जयंत, खड़िया परियोजनाओं में काम करने वाले कर्मचारी तथा अधिकारी उनसे पान बंधवाते थे और लेकर जाते थे। एक समय में उनकी गुमती में कई लोग एक साथ बैठकर पान लगाते थे। सैकड़ों की संख्या में पान पहले से निर्मित होकर महुअे के पत्ते में बांधकर रख दिया जाता था। सिफ्ट बस के बाने के बाद उतरे हुये कर्मचारी अपना-अपना कोटा लेकर तुरंत बस में सवार हो जाते थे। बनारसी पान की दुकान से महीने में लाखों की पान की बिक्री होती थी। सिंगरौली जिले में सबसे ज्यादा पान बनारसी पान वाले ही बेचते थे। उनके पान में बनारस के पान का अंदाज होता था जिसके कारण पान के शौकीनों को लुभाता था। 

बनारसी पान वाले का परिवार तीन बेटे, बेटियां, बहू, पत्नी लक्ष्मी मार्केट जयंत में रहते थे। अपने धंधे में लगन के पक्के बनारसी भाई सुबह भोर में ही चार बजे पान की गुमती खोलकर बैठ जाते थे। एनसीएल के कर्मचारियों की प्रथम पाली में पान की आपूर्ति करते थे। यह सिलसिला देर रात तक चलता था। उनके इस काम में उनके तीन पुत्र भी सहयोग देते थे। बनारसी पान की लबालब गिलोरी बनारसी पान वाले के जाने से अब शायद अधूरी रह जायेगी। बनारसी पान वाले के देहांत के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर ब्याप्त है।