इम्यूनिटी बूस्टर बताकर १० हजार रूपये लीटर बिक रहा गदही का दूध



हिंगोली. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के बीच महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में गधी का दूध 10,000 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है. दूध बेचने वालों का दावा है कि गधी का दूध पीने से शरीर में इम्यूनिटी बढ़ती है और इससे कोरोना जैसी महामारी से भी निपटा जा सकता है. यहां गधी का दूध लेने के लिए काफी संख्या में लोग आ रहे है.जानकारी के मुताबिक, डिमांड बढऩे के कारण आसपास के जिलों से भी लोग हिंगोली आकर गली-गली घूमकर गधी का दूध बेचने लगे हैं. दूध बेचने वालों कह रहे हैं कि एक चम्मच दूध पियो और हर तरह की बीमारी से मुक्ति पाओ. यह करिश्माई दूध है और इसे पीने से काफी फायदे होते हैं.गधी का दूध बेचने वालों का दावा है कि इससे बच्चों को निमोनिया नहीं होता. इसके अलावा बुखार, खांसी, कफ, जैसी बीमारी के साथ गधी का दूध कोरोना के मरीज की इम्यूनिटी बढ़ाने को काम करता है.गधी का दूध बेचने वाले बालाजी मेसेवाड ने बताया कि वो ताजा दूध निकाल कर बेचते हैं. यह काफी बीमारियों पर असरदार है. एक चम्मच दूध की कीमत 100 रुपए और एक लीटर दूध 10 हजार रुपए में बेचते हैं. गधी का दूध त्वचा और शरीर दोनों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर है.नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्वाइन की रिसर्च के मुताबिक, मां के दूध में जो पोषक तत्व होते हैं, वैसे ही पोषक तत्व गधी के दूध में भी होते हैं. बकरी, ऊंटनी, भैंस के दूध की तुलना में इस दूध की गुणवत्ता ज्यादा अच्छी है. इसके दूध में फैट नहीं होता. बढ़ती उम्र के नकारात्मक प्रभावों को रोकने वाली एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा गधी के दूध में ज्यादा होती है. यह कई रोगों से लडऩे में सक्षम है. बच्चों की पाचन शक्ति बढ़ाने में यह दूध काफी कारगर है. स्किन मुलायम होती है और इससे कई तरह के चर्म रोगों से भी बचाव किया जा सकता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है. इसमें एंटी एजिंग, एंटी ऑक्सीडेंट और कई दूसरे कई औषधीय तत्व होते हैं.स्थानीय डॉक्टर वीएन रोडगे का कहना है कि गधी का दूध पीने से कोरोना जैसी महामारी ठीक हो जाएगी, यह बिलकुल गलत है. कुछ लोग पैसों के लिए ऐसा दुष्प्रचार कर रहे हैं. प्रशासन को ऐसे लोगों पर लगाम लगानी चाहिए और हमें भी आंख बंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए. लोग अपना पैसा खर्च न करें. बीमार होने पर डॉक्टर के पास जाएं और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें.