डायबिटीज के मामले में डाइट का असर होता है दवा से ज्यादा



नई दिल्ली। एक ताजा अध्ययन में दावा किया गया है कि एंटी एजिंग और डायबिटीज के मामले में डाइट का असर दवा से कहीं ज्यादा होता है। अध्ययन की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सही तरीके से डाइट ली जाए तो यह कोशिकाओं के अंदरुनी हिस्सों में दवा से कहीं ज्यादा असर छोड़ती है। यह अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के चार्ल्स पर्किंस सेंटर के शोधकर्ताओं ने किया है। अध्यन में दावा किया गया है कि डाइट को सही तरीके से ली जाए तो यह डायबिटीज, स्ट्रोक और हार्ट डिजीज के मामले में दवा से बेहतर काम करती है।

शोधकर्ताओं ने चूहों पर अध्ययन के दौरान पाया कि डायबिटीज और एंटी एजिंग के लिए दी जाने वाली तीन दवाइयों की तुलना में अगर पोषक तत्व को सही तरीके से कोशिकाओं तक पहुंचाया जाए तो यह एजिंग और मेटाबोलिक हेल्थ पर दवा से बेहतर तरीके से काम करते हैं। शोधकर्ताओं ने चूहों और इंसान पर एजिंग, मोटापा, हार्ट डिजीज, मेटाबोलिक डिजीज,टाइप 2 डायबिटीज, इम्यून डिसफंक्शन आदि के खिलाफ डाइट के रक्षात्मक प्रभाव का आकलन किया। चार्ल्स पर्किंस सेंटर के प्रोफेसर स्टीफन सिंपसन ने बताया कि डाइट पावरफुल मेडिसीन है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एंटी-एजिंग और डायबिटीज के लिए जो दवाएइयां हैं, वे भी उसी बायोकेमिकल रास्ते से शरीर में पहुंचती है जिस रास्ते से पोषक तत्व पहुंचते हैं लेकिन पोषक तत्व का असर ज्यादा प्रभावी है। उन्होंने कहा कि हमने अपने अध्ययन के आधार पर यह पाया है कि जो लोग एंटी एजिंग या डायबिटीज की दवा ले रहे हैं, वे सिर्फ अपनी डाइट में बदलाव ले आए। इसका असर दवा से कही ज्यादा बेहतर होगा। डाइट मेटाबोलिक हेल्थ को बेहतर तरीके से इंप्रूव करेगी। हेल्थ एक्सपर्टस की माने तो हम जो खाते हैं, उसी हिसाब से हमारी सेहत होती है।

दरअसल, डाइट ही वह चीज है जिसकी वजह से हमारा अस्तित्व है। अगर हम अपनी डाइट में सही चीजों का इस्तेमाल करें तो लंबी आयु तक हेल्दी भी रह सकते हैं और जिंदा भी रह सकते हैं। अगर हमारी डाइट सही नहीं रहती है तो शरीर का फंक्शन सही तरह से नहीं हो पाता है। इस स्थिति में मेटाबोलिज्म को मैंटेन रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इन सब स्थितियों में क्रोनिक डिजीज होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।