नये वर्ष में लें नये संकल्प, ताकि आने वाला जीवन सुखमय हो



नव वर्ष 2022 का आगाज हो चुका है। नया सवेरा हो चुका है । सूरज की किरणें निकल चुकी है।साल 2021 बीत चुका है।नव वर्ष 2022 में नए संकल्प व लक्ष्य निर्धारित करने होगें।नए साल में संकल्प लेने होगें कि आने वाला जीवन सुखमय रहे। भविष्य सुरक्षित रहे।नया साल सबके लिए सुखमय हो और समृ़िद्व लेकर आए।समय का सदुपयोग करें।समय के महत्व को समझना होगा और अपनी महत्वकांक्षाओं को पूरा करें।कभी भी समय को बरबाद मत करों । रास्ता भटक चुके लोगों को राह दें किसी को गुमराह न करें।अनजानें में हुई गलतियों को माफ कर दें।क्षमा दान सबसे बड़ा दान होता है।सदव्यवहार करें।किसी की भावनाओं से न खेलें।गुरुजनों का आदर करें उनकी अनदेखी न करें।सपनों को उडान दे और सपनों को साकार करें। जिदंगी में कभी भी उस आदमी को इग्नोर मत करना जिसने आपको उचांईयां दी हंै।आज के मतलबी संसार में बहुत कम लोग सहायता करते है।जानबूझकर की गई गलतियों को सुधारें।नई उर्जा के साथ राहों को सरल बनाएं।

जो बीत गया उसे भूल जाएं अब नए काम को अंजाम देना होगा।बीते 2020 और 2021 में कोरोना महामारी ने विश्व में जो जख्म दिए ताउम्र रिसते रहेगें।2021 में नया वायरस ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है।प्रकृति ने अपना रौद्र रुप दिखाकर मानव से दानव बनते जा रहे इंसान को औकात बता दी है कि अभी भी संभलने का समय है।अगर अब भी गलतियां नहीं सुधारी तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे।प्रकृति कभी भेदभाव नहीं करती। प्रकृति को बचाना होगा।प्यार,भाईचारा बना रहे यह कामना रें।गलतियां ही सबक सिखाती है।मानव को ठोकरें ही चलना सिखाती है। कभी भी किसी का दिल मत दुखाना।मानवता कहती है के सबकी राह में फूल बिछाओ ताकि किसी के पांव मं कांटा न चुभ सके।गरीबों के लिए लक्ष्य बनाएं कि कोई गरीब भूखा न रहे।समाज के लिए योगदान देना होगा।बुराईयों को मिटाना होगा।अन्धकार को मिटाना होगा। अच्छाई को अपनाना होगा।गलतियां इंसान से ही होती है।मगर उनको सुधारना होगा।नए जीवन का संचार होगा ।युवाओं को बचाना होगा।निरोगी काया रखनी होगी।अच्छे की उम्मीद करनी होगी।कर्म करना होगा।सफल रणनीती बनानी होगी।संकल्पों को पुरा करना होगा।समस्याओं का समाधान करना होगा।जीवन में बदलाव लाना होगा। नफरत मिटानी होगी।सदभाव व प्रेमभाव अपनाएं ताकि एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके।मानवता के लिए अपना जीवन सर्मपित करें।मानवता की सेवा सबसे बड़ा पुण्य है।मानवता की सेवा ही भगवान की सच्ची सेवा है।मानव जीवन अनमोल है। अपने लिए तो सभी जीते है मगर पीड़ितों व दीन-दुखियों की सहायता करने के लिए व उनके लिए जीने वाले चंद ही लोग होते है। भगवान व शमशान को हर रोज याद करना चाहिए। किसी को दुखी नहीं करना चाहिए।भगवान की लाठी जब पडती है तो उसकी आवाज नहीं होती । ईश्वर इस धरा के कण -कण में विद्यमान है ।भूखे को यदि रोटी दे दी जाए तो भूखे की आत्मा की तृप्ति देखकर जो आनन्द प्राप्त होगा वह सच्चा सुख है ।मानव को मानव की सहायता करनी चाहिए । जरुरतमंद इन्सान की सहायता करना सबसे बड़ा धर्म हैं। मानव सेवा ही नारायण सेवा है ।यह अटल सत्य है । संकल्प ले यह साल सबके लिए मंगलमय हो और सबको खुशियां मिले कोई गम न मिले। सत्कर्म करने होगें समाज को सुखमय बनाना होगा। नैतिक मूल्यों तथा संस्कारों व माननीय मृल्यों को बचाना होगा।वातावरण व पर्यावरण की रक्षा करनी होगी।स्वच्छता को बरकरार रखना होगा।जिम्मेवारियों को निभाना होगा।बुंराईया के खिलाफ लड़ना होगा।एक मशाल चलानी होगी ।अंधेरा मिटाना होगा।दानवों व दरिदों व गिरगिटों का खात्मा करना होगा।प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती।सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता।हर गहरी व काली रात के बाद दिन का उजाला होता है।असफलताओं से मत घबराएं।सूरज को निकलने से कोई नहीं रोक सकता।इरादे मजबूत हो तो किस्मत को भी झुकना पड़ता है।हार के आगे जीत है।समय का प्रबंधन,निष्ठापूर्ण व योंजनाबद्ध तरीके से तैयारी सफलता का मूलमंत्र है। मजबूत इरादे कड़ी मेहनत व आत्मविश्वास से मंजिल को जरुर हासिल किया जा सकता है। असफलता से घबराएं नहीं बल्कि इससे सीख लेते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे और भगवान पर भरोसा रखें।मेहनत से ही सफलता मिलती है सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। सफलता के लिए दिन रात पढ़ाई करनी पड़ती है। धैर्य बनाए रखें व इरादों को न बदलें।नैतिक शिक्षा का अनुसरण करें।अपने माता पिता की सेवा करें।बुजुर्गो का आदर करें।ंअंहकार से दूर रहें। ईमानदारी व सच्ची लगन से परीक्षा की तैयारी करोगे तो सफलता जरुर कदम चूमेगी।मेहनत का फल जरुर मिलता है। आदमी की पहचान कपडो़ं से नहीं होती बल्कि उसके गुणों व अच्छे संस्कारों से होंती है।लिबास तो बदलते रहते है।प्रतिभा को कोई नहीं चुरा सकता।संस्कार ही असली पूंजी होते है।युवाओं का नशे से दूर रहना चाहिए।युवा ही देश के कर्णधार हैं। हमें हर आदमी की सहायता करनी चाहिए। सादगी ही आदमी का श्रृगंार है।मानव को सदा सादा जीवन जीना चाहिए और उच्च विचार रखने चाहिए।स्वाभिमान व चरित्र ही मानव के असली आभूषण हैं। समय के महत्व को समझें और अपनी महत्वकांक्षाओं का पूरा करें।तभी नए साल की सार्थकता होगी।