नगालैंड की फायरिंग सेना की गलती, आगे ऐसी घटना नहीं होगी: गृहमंत्री



नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में यह स्वीकार कर लिया कि नगालैंड में सेना की फायरिंग एक गलती थी। सेना की फायरिंग में 14 नागरिकों की मौत के बाद विपक्ष ने संसद में सरकार से जवाब मांगा था। गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इस घटना पर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा- सेना ने नागरिकों को पहचानने में गलती की। इस घटना की जांच के लिए स्ढ्ढञ्ज बनाई जाएगी, जो एक महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी।4 दिसंबर को नगालैंड के ओटिंग में सेना चरमपंथियों के खिलाफ एक ऑपरेशन को अंजाम दे रही थी। सेना ने एक गाड़ी को रुकने का इशारा किया, कमांडोज को शक था कि इसमें चरमपंथी हैं। 21 कमांडोज ने फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में 7 की मौत हो गई। घटना के विरोध में लोगों ने कमांडोज को घेर लिया और गाड़ियों में आगजनी करने लगे। एक जवान की मौत हो गई। भीड़ को संभालने के लिए की गई फायरिंग में 7 लोग और मारे गए।

लोकसभा में शाह का जवाब- हमने कड़े फैसले लिए: शाह ने कहा- हम इस घटना पर गहरा दुख जाहिर करते हैं। मृतकों के परिवारों के साथ भी हमारी संवेदना है। अब फैसला किया है कि इस तरह के ऑपरेशन करते वक्त सभी एजेंसियां यह निश्चित करेंगी कि आगे ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना न हो। इस घटना की हम जांच कर रहे हैं और शांति बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।उन्होंने बताया, सेना भी इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करा रही है। कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। मैंने नगालैंड के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से घटना के तुरंत बाद संपर्क किया था। गृहमंत्रालय भी लगातार मुख्य सचिव और पुलिस के उच्चाधिकारियों के संपर्क में है।

सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठाई: सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठा दी है। इसकी अगुवाई मेजर जनरल रैंक के एक अधिकारी को सौंपी गई है। सेना के सूत्रों के मुताबिक, यह अधिकारी नॉर्थईस्ट सेक्टर में तैनात हैं। वहीं, नगालैंड सीएम नीफियू रियो और मेघालय सीएम कोनराड के सांग्मा ने गृह मंत्री अमित शाह से मांग की है कि राज्यों से ्रस्नस्क्क्र कानून हटाया जाए। खास बात यह है कि नगालैंड ष्टरू नीफियू रियो डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नगालैंड पार्टी से हैं, जो भाजपा से गठबंधन करके बनी है।

नगालैंड और मेघालय के सीएम ने की अफस्पा हटाने की मांग: नीफियू रियो ने कहा कि गृह मंत्री इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। हमने घटना में प्रभावित लोगों को सहायता राशि दी है। हम केंद्र सरकार से कह रहे हैं कि नागालैंड से अफस्पा को हटाया जाए, क्योंकि इस कानून ने हमारे देश की छवि धूमिल कर दी है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के सांग्मा ने भी ट्वीट करके अफस्पा को हटाने की बात कही है।नगालैंड के आदिवासी संगठन ने दावा किया था कि मोन जिले में सेना की फायरिंग में 17 लोगों की मौत हुई है, इसके कुछ देर बाद ही वह इस दावे से पीछे हट गया। जबकि, पुलिस का कहना है कि 14 लोगों की ही जान गई है। नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन (हृस्स्न) ने प्रदेश में पांच दिनों के शोक का ऐलान किया है। उन्होंने आदिवासियों से अपील की है कि इस दौरान किसी तरह के सेलिब्रेशन में शामिल न हों।अधिकारियों का कहना है कि हादसे में घायल हुए 28 लोगों में से 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। नगालैंड के चीफ मिनिस्टर नीफियू रियो और डिप्टी चीफ मिनिस्टर वाई पैट्‌टन आज घटनास्थल का दौरा करेंगे। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह इस मामले में दोनों सदनों में जवाब देंगे।

सेना की टुकड़ी पर मर्डर का मामला दर्ज: नगालैंड में हुए हिंसक टकराव के मामले में सेना की टुकड़ी पर स्नढ्ढक्र दर्ज कर ली गई है। इसमें इरादतन हत्या की धाराएं लगाई गई हैं। राज्य सरकार ने केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है और इसकी जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम गठित की है। दरअसल, यहां मोन जिले में रविवार को आर्मी की फायरिंग में 13 नागरिकों और एक जवान की मौत हो गई थी।हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने असम राइफल्स पर हमला किया, जिसमें एक और नागरिक मारा गया। मोन टाउन में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सोमवार तक के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। जरूरी सामान की सप्लाई छोड़कर सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।