डब्ल्यूएचओ ने कहा- रात के कर्फ्यू का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं, सबसे पहले खुलने चाहिए स्कूल




नई दिल्ली. देश भर में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और विभिन्न राज्य इस पर काबू पाने के लिए रात का कर्फ्यू से लेकर स्कूल-कॉलेज आदि बंद करने जैसे उपायों का ऐलान कर रहे हैं. लेकिन क्या ये तरीका वास्तव में कारगर है? सच्चाई तो ये है कि इस बारे में डबलूएचओ की राय बिल्कुल अलग है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबलूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने शुक्रवार एक इंटरव्यू में कहा कि रात का कर्फ्यू किसी विज्ञान पर आधारित नहीं है और ये कितना प्रभावी है, इसका भी कोई सबूत नहीं है, लेकिन मास्क पहनना और टीकाकरण कोविड-19 के प्रसार को रोकने में ज्यादा मददगार साबित हो सकता है. उन्होंने दावा किया कि अगर 90 फीसदी आबादी ने पूरे समय मास्क पहना हो, तो ट्रांसमिशन को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इस पर हमें ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. लेकिन हमें ये भी ध्यान रखना चाहिए कि स्वास्थ्य के मामले में सिर्फ कोविड ही नहीं है, जो हमारी जिंदगी को प्रभावित करता है, इससे जुड़े और भी फैक्टर हैं.

स्वामीनाथन ने लॉकडाउन और कोरोना-संबंधी पाबंदियों को लेकर कहा कि इस बारे में राजनेताओं को कोरोना के प्रसार पर रोक लगाने के सटीक वैज्ञानिक पद्धतियों का इस्तेमाल के बारे में सोचना चाहिए और जनता की परेशानियों के साथ इनका संतुलन बिठाना चाहिए. साथ ही आर्थिक गतिविधियों को खुला रखना चाहिए, क्योंकि लोगों को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है और अब और नुकसान उठाने लायक स्थिति नहीं बची है. वहीं स्कूलों को सबसे आखिरी उपाय के तौर पर बंद करना चाहिए और अगर कुछ खोलने की गुंजाइश हो, तो सबसे पहले स्कूलों को ही खोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक स्कूल बंद रहने से बच्चों और शिक्षा पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है. बूस्टर डोज के बारे में पूछे जाने पर स्वामीनेशन ने कहा कि बूस्टर आपको शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करते हैं, क्योंकि इससे मेमोरी कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं. इस मुद्दे पर डबलूएचओ का ये कहना है कि बूस्टर खुराक के रूप में आप कौन सा टीका चुनते हैं,यह वास्तव में कई चीजों पर निर्भर करता है. जैसे आप जिस देश में हो, वहां कौन सा टीका लगाया गया है, उस देश में किस टीके की आपूर्ति बेहतर है, जनता को क्या पसंद है, इसकी लागत कितनी पड़ रही है, आदि. लेकिन चाहे कोई भी टीका हो, ये जरुर है कि बूस्टर डोज शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को अच्छी मजबूती प्रदान करते हैं.