राष्ट्रीय उद्यान व अभ्यारण्यों में वन समितियां वसूलेंगी प्रवेश शुल्क, सरकार दे सकती है अधिकार



भोपाल। शिवराज सरकार ने आदिवासियों के उत्थान के लिए उन्हें अधिकार संपन्न बनाने की तरफ बढ़ रही है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को सामुदायिक वन प्रबंधन को लेकर अफसरों की बैठक बुलाई। इसमें सामुदायिक वन प्रबंधन समिति का गठन, बिगड़े वन क्षेत्रों व वन्य प्राणी प्रबंधन पर चर्चा हुई। सरकार अब राष्ट्रीय उद्यान व अभ्यारण्यों में प्रवेश शुल्क वसूलने का अधिकार वन समितियों को देने की तैयारी कर रही है। इसके लेकर बैठक में चर्चा हुई है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा - सरकार का प्रयास है कि जनजातीय वर्ग को अधिकार मिले। वो आर्थिक रूप से मजबूत हो। उन्होंने कहा कि वन प्रबंधन समितियों व कार्यकारिणी में जगह दी जाएगी। बैठक में वन प्रबंधन के लिए सूक्ष्म प्रबंधन योजना को लेकर चर्चा हुई। बताया जाता है कि लघु वनोपज के विपणन को छोड़कर शेष समस्त लघु वनोपज के अधिकार समितियों को देने पर विचार किया गया है।मंत्रालय सूत्रों की मानें, तो मुख्यमंत्री का फोकस सीएसआर/सीईआर फंड की राशि वृक्षारोपण पर खर्च करने पर है। इस संबंध में उन्होंने ने वन विभाग के अफसरों को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामुदायिक वन प्रबंधन से अपेक्षित परिणाम सामने आएंगे। इससे राजस्व में हिस्सा मिलने से समितियों को लाभांश प्राप्त हो सकेगा, वन संरक्षण के प्रति उत्साह बढ़ेगा। वन प्रबंधन के लिए सूक्ष्म प्रबंधन योजना के निर्माण पर चर्चा।

एमपी में लागू हुआ पेसा एक्ट: प्रदेश में पेसा एक्ट (पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार विधेयक) लागू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को जननायक टंट्या भील स्मृति समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा कि इस एक्ट के लागू होने से स्थानीय संसाधनों पर जनजातीय समाज की पंचायतों के पास ज्यादा अधिकार होंगे। ग्राम सभाओं को जनजातीय समुदाय के लिए काम करने का अधिकार भी मिलेगा। इसके अलावा आदिवासियों के खिलाफ सभी छोटे-मोटे केस वापस लेने का ऐलान भी िकया गया।