सुविधाओं को लेकर विस्थापितों ने किया हंगामा,घंटों बवाल काटा





काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। एनसीएल की अमलोरी परियोजना के कथित कुप्रबंधन के खिलाफ परियोजना प्रभावितों एंव विस्थापितों ने भारी संख्या में महाप्रबंधक कार्यालय का दिनभर घेराव किया। मुलभूत सुविधाओं को लेकर विस्थापितों एवं प्रभावितों ने जमकर बवाल काटा। 

एनसीएल की अमलोरी परियोजना के निकटस्थ प्रभावित गांव कचनी, दसौती, भकुआर, भरुहां, नन्दगांव, अमझर, अमलोरी बस्ती आदि गांवों के प्रभावितों एवं विस्थापितों का कहना था कि एनसीएल प्रबंधन ने उनकी जमीनें ले ली हैं। लेकिन इसके बदले जो उन्हें सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं वह नहीं मिल रही हैं। विस्थापितों का आरोप था कि परियोजना में सीएसआर मद में आये करोड़ो रूपये का जमकर बंदरबांट हुआ है। जो पैसा लगभग आधा दर्जन गांवों के विकास, मूलभूत जरूरतों के विकास में खर्च होना था वे सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गये। सड़क, नाली, बिजली, पानी, विद्यालय, नौकरी, स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रभावित गांवों के विस्थापितों एवं प्रभावितों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। उनका यह भी आरोप था कि कोयला उत्पादन के  चलते निदृष्ट गांव में भयंकर वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, थल प्रदूषण परोसा जा रहा है जिससे गरीब व बेबस ग्रामीण भयंकर रोगों के शिकार हो रहे हैं। प्रदूषण तथा कुप्रबंधन के चलते देन दाताओं की भावी पीढ़ी भी प्रभावित हो रही है। हालांकि एनसीएल प्रबंधन का दावा होता है कि वह परियोजना के ८ किलोमीटर की परिधि में समुचित विकास कार्य करवाते हैं। सामुदायिक दायित्व का निर्वहन करते हैं। लेकिन आज महाप्रबंधक कार्यालय को घेरकर ग्रामीणों ने ऊंची आवाज में यह बताया कि एनसीएल प्रबंधन का दावा थोथा है। ग्रामीण भयंकर यंत्रणा से जूझ रहे हैं। 

महात्मा फूले फाउंडेशन के तहत शुक्रवार को दिन भर परियोजना के आस-पास के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों ने दिन भर बवाल काटा, एवं परियोजना प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा।