एक दिन में 30 मामले अब तक 143, भारत में ओमिक्रॉन ने पकड़ ली यूके वाली रफ्तार



नई दिल्ली। देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के 30 नए केस सामने आए। इससे पहले शुक्रवार को 26 नए केस सामने आए थे। पिछले तीन दिनों से देश में ओमिक्रॉन संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है। इस तरह देश में अब तक ओमिक्रॉन के 143 केस दर्ज हो चुके हैं। देश के 12 राज्यों में ओमिक्रॉन संक्रमण का पता चल पाया है। एक्सपर्ट के मुताबिक, ये देश में चिंता का कारण है। हालांकि एक्सपर्ट्स ने कोरोना से बचाव के तरीकों को अपनाने की बात कही है। शनिवार को देश में ओमिक्रॉन के रिकॉर्ड 30 नए केस सामने आए। इसमें तेलंगाना में 12, महाराष्ट्र में आठ, कर्नाटक में छह और केरल में चार नए मामले शामिल हैं। देश में लगातार तीसरे दिन ओमिक्रॉन मामलों में सबसे अधिक एक दिवसीय वृद्धि देखी गई है। शुक्रवार को देश में ओमाइक्रोन के 26 नए मामले सामने आए, जबकि गुरुवार को यह संख्या 14 थी। मंगलवार और बुधवार दोनों दिन 12 केस आए। देश के 12 राज्यों में ओमिक्रॉन मामलों का पता चल पाया है। जिसमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 48 मामले दर्ज हैं। इसके बाद दिल्ली में 22, तेलंगाना में 20, राजस्थान में 17, कर्नाटक में 14, केरल में 11, गुजरात में सात, उत्तर प्रदेश में दो और आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में एक-एक मामले सामने आ चुके हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने देश के 24 जिलों में पांच प्रतिशत से अधिक कोरोना संक्रमण दर पर चिंता जताते हुए टेस्टिंग बढ़ाने की बात कही है। साथ ही कहा कि इससे संक्रमण को जल्द से जल्द पांच फीसदी के नीचे लाने का प्रयास करना होगा और इसके साथ ही ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमितों और उनके संपर्कों की तत्काल पहचान कर उन्हें आइसोलेट करने की जरूरत है। ओमिक्रॉन के खतरे के प्रति आगाह करते हुए नीति आयोग के सदस्य व कोरोना टीकाकरण टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पाल ने लोगों से कोरोना उचित व्यवहार का कड़ाई से पालन करते रहने और जल्द से जल्द टीके की दोनों डोज लेने की अपील की। दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति के आंकड़े देते हुए डॉ. पाल ने कहा कि इससे बचने के लिए बार-बार हाथ धोने, उचित दूरी बनाए रखने और मास्क पहनने जैसे पुराने तौर-तरीकों का कड़ाई से पालन करने के साथ ही बेवजह यात्रा से भी बचना चाहिए। उन्होंने लोगों से त्योहारों व अन्य धार्मिक व सामाजिक समारोहों से दूर रहने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि सर्दियों में वैसे भी वायरस के तेजी से फैलने का खतरा होता है, इसीलिए नए साल के जश्न में भी सावधानी की जरूरत है।