मप्र से दो माह में 259 सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे, रिपोर्ट महज 27 की मिली





भोपाल। प्रदेश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की एंट्री हो गई है। इंदौर में विदेश से लौटे 9 लोगों में नया वैरिएंट मिला है। इसके बावजूद प्रदेश और केंद्र सरकार जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट को लेकर गंभीर नहीं है। प्रदेश के चार बड़े शहरों से ही पिछले दो महीने में 232 सैंपल की रिपोर्ट पेंडिंग हैं। यहां से 259 सैंपल भेजे गए थे, जिनमें से 27 की रिपोर्ट ही मिली है, जिसमें 9 में ओमिक्रॉन मिला है। ऐसे में सवाल है कि ओमिक्रॉन के संक्रमण को सरकार कैसे रोकेंगी।इस मामले में एक्सपर्ट का कहना है कि लैब में सैंपल ज्यादा होने से पेंडेंसी हो सकती है। इससे फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि कोरोना संक्रमित के सभी वैरिएंट के लिए आइसोलेशन और इलाज की एक ही तय गाइडलाइन है। संक्रमित होने पर प्रोटोकॉल का पालन करते हुए खुद को आइसोलेट कर लें।प्रदेश के चार शहर इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर से नवंबर और दिसंबर माह में अब तक 259 सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं। इसमें इंदौर से 170, भोपाल से 64, जबलपुर से 17 और ग्वालियर से 8 सैंपल दिल्ली जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से सिर्फ इंदौर में विदेश से आए एक हजार लोगों की जांच में से मिले 26 पॉजिटिव की जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट मिली है। इसमें 8 में नया वैरिएंट ओमिक्रॉन मिला है। वहीं, अभी भी 244 रिपोर्ट पेंडिंग है। यह हालात तब हैं, जबकि ओमिक्रॉन दूसरे वैरिएंट डेल्टा से 5 गुना ज्यादा संक्रामक है। हालांकि, एक्सपर्ट इसे ज्यादा गंभीर नहीं होने की बात कह रहे हैं।चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जांच में लेटलतीफी नहीं हो रही है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोई भी कोरोना केस आए तो उसमें से 5त्न को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजें। हम तो सभी पॉजिटिव की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेज रहे हैं। मेरी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात हुई है।उम्मीद है कि जनवरी के पहले सप्ताह तक हमें जीनोम सिक्वेंसिंग की मशीन मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि पैनिक होने की जरूरत नहीं है। हम सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। प्रदेश में जिनकी भी जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजे गए हैं। उनकी रिपोर्ट जैसे-जैसे आ रही है, उसकी जानकारी दी जा रही है।