विवेक तन्खा ने सीएम, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष और मंत्री भूपेंद्र को 10 करोड़ मानहानि का भेजा नोटिस



डेढ़ लाख जमा कराया, बोले- माफी मांगने का समय खत्म

जबलपुर. वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ओबीसी आरक्षण मामले में आरोप लगाए जाने पर सख्त एक्शन लिया है. तीन दिन में माफी मांगने की मोहलत समाप्त होने के बाद उन्होंने अब कोर्ट जाने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और नगरीय आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह पर 10 करोड़ रुपए मानहानि का दावा करते हुए इसके लिए जरूरी डेढ़ लाख रुपए का चेक जमा करा दिया है. 3 जनवरी को हाईकोर्ट खुलने पर उनके अधिवक्ता शशांक शेखर की ओर से प्रकरण लगाया जाएगा.वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि सीएम ने मुझ पर मिथ्या आरोप लगाते हुए मेरे साथ या कांग्रेस और जनता के साथ ही छल नहीं किया है. इन्होंने कोर्ट-कचहरी के साथ भी छल किया है. सर हमारा कटा है या उनका कटा है. यह जनता तय करेगी. हम जनता की अदालत में भी हैं और कोर्ट में भी है. अब दोनों डिबेट साथ-साथ चलेगी.तन्खा ने आरोप लगाया कि सरकार नहीं चाहती है कि ओबीसी को आरक्षण मिले. कांग्रेस ने 1994 में ही पंचायत और निकाय चुनावों में ओबीसी को 25 प्रतिशत आरक्षण दिया था. इसी फरवरी में हाईकोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया. पर सरकार की ओर से इस स्टे को हटाने का कोई प्रयास नहीं किया गया. सुप्रीम कोर्ट में हम रोटेशन और परिसीमन के मामले को लेकर गए थे. सुनवाई के दौरान मेरी बात समाप्त हो चुकी थी. सरकार के वकीलों को अपना पक्ष मजबूती से रखना चाहिए था, जो वो नहीं कर पाए.

कोर्ट में रखूंगा सीएम हाउस के दुरुपयोग का मामला

तन्खा ने कहा कि हम संविधान में आस्था रखते हैं. कोर्ट को ताकतवर बनाना चाहते हैं. दुष्प्रचार वो करते हैं. अब कोर्ट तय करेगी कि विवेक तन्खा झूठ बोल रहे हैं या बीजेपी वाले. मुख्यमंत्री शिवराज से अधिक मीडिया का सुख-दुख का साथी मैं हूं. सीएम हाउस से कई मीडिया हाउस को फोन कर बोला गया कि तन्खा का वीडियो मत दिखाओ. इसके मेरे पास सबूत हैं और कोर्ट में इसे भी रखूंगा. वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर के मुताबिक तीन जनवरी को कोर्ट खुलते ही मानहानि का प्रकरण पेश करेंगे.

ये है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट द्वारा एमपी में ओबीसी सीटों के निर्वाचन पर रोक लगाए जाने के बाद सीएम शिवराज सिंह, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसके लिए विवेक तन्खा को जिम्मेदार ठहराया था. दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका के चलते ऐसा आदेश हुआ. इसे मिथ्या और आधारहीन बताते हुए विवेक तन्खा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर ने 19 दिसंबर को 10 करोड़ रुपए मानहानि का दावा करते हुए सीएम सहित तीनों नेताओं को नोटिस भेजा है. नोटिस में तीन दिन में माफी मांगने की बात लिखी थी. नोटिस में कहा गया है कि इस आरोप से तन्खा की सामाजिक छवि धूमिल हुई है.