चितरंगी क्षेत्र के सैकड़ो आदिवासी छात्रों को हॉस्टल छोड़ने का जारी हुआ फरमान





छात्र छात्राओं ने डीएम से लगायी मदद की गुहार 

काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। चितरंगी क्षेत्र में संचालित हॉस्टल में रह रहे छात्र-छात्राओं को हास्टल छोड़ने का फरमान सुनाया गया है। छात्रों का खाना पानी बन्द हो गया है।  पीड़ित छात्र , छात्राएं भूखे प्यासे कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर  न्याय की गुहार लगायी है। 

एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान देश प्रदेश के एससी,एसटी वर्ग के उत्थान के लिए पिछले हफ्ते ही भोपाल में बड़ा जनजाति सम्मेलन कर उन्हें लाभांवित करने की घोषणा की थी , साथ ही कई योजनाओं को संचालित कर इनके विकास की नई इबारत लिखने का आह्वान किया था , लेकिन सिंगरौली जिले में तो आदिवासी विकास विभाग के अफसरों ने जिले के हॉस्टल में रहने वाले एसटी, एससी के सेकंडियरऔर फाइनल के छात्रों को हॉस्टल खाली करने का आदेश जारी कर दिया है साथ ही खाना पानी भी बन्द कर दिया है ।

 ग्रामीण अंचल के गरीब एससी,एसटी परिवार के सैकड़ो छात्र , छात्राएं जो 100 किलोमीटर दूर से आकर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी अचानक हॉस्टल छोड़ने के आदेश से इनकी नींद उड़ गई है साथ ही हॉस्टल में मिलने वाला नाश्ता , खाना पानी भी बन्द कर दिया गया है जिससे जिले से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया है , वहीं बेसहारा छात्र छात्राएं भूखे प्यासे कलेक्ट्रेट के सामने न्याय के लिए डटे हुए हैं । ज्ञात हो कि कोरोना कॉल में 50 प्रतिशत ही छात्र रखे जाते थे लेकिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के एलान के बाद हॉस्टल खाली होने के बाद भी छात्र छात्रओं को भगाया जाना लोगो के गले नहीं उतर रहा है , सूत्रों के मुताबिक सीट से कम छात्र होने के बावजूद खाना , पीना सहित सभी सामग्रियों के नाम पर पूरे सीट का पैसा खर्च होना दिखाकर बंदरबांट भी किया जा रहा है ।