पुलिस के संरक्षण में लाखों का खेल





जरायम पेशों के पौधे बन रहे दरख्त,चल रहा है अवैध डीजल, कबाड़, कोयला धड़ल्ले से

काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। ऊर्जाधानी सिंगरौली में एक समय था जब डीजल, कबाड़, कोयले के सीकेडी माफियाओं का राज चलता था। खदान तो खदान घर के सामने से दिन दहाड़े वाहन गायब हो जाते थे। सीकेडी के माफिया पुलिस के नुमाइंदों के चैंम्बर में बैठकर चाय पीते थे, गुफ्तगू करते थे जिससे एनसीएल की खदानें तथा लोगों के घर असुरक्षित हो गये थे। जिला बनने के बाद पहले पुलिस अधीक्षक ने पद्भार संभाला तो दो महीने के अंदर सारे चोर लुटेरे भूमिगत हो गये। पुलिस अधीक्षक श्री अनुराग की कप्तानी में सिंगरौली की वही पुलिस जो कभी कबाड़ियों की गलबहियां होकर चलती थी उन्हें ही तलाशने लगी। नौकरी खतरे में पाकर पुलिस कर्मचारियों ने सीकेडी माफियाओं की दोस्ती से किनारा कर लिया। जो ज्यादा नजदीक थे उनका बहुत दिनों तक प्रमोशन नहीं हुआ। वर्तमान में कहा जाये तो पुरानी स्थिति फिर वापस आ गयी है। मझे मझाए टीआई सिंगरौली जिलों के थानों में बैठ गये हैं। कबाड़ियों और चोरों की आमद रफ्त बढ़ गयी है। बरगवां, मोरवा, कोतवाली, सरई, गढवा, माड़ा, सभी जगह कबाड़ की दुकानें संचालित हो गयी है। जिन दुकानों पर कप्तान अनुराग के जमाने में ताले लग गये थे। सुअर लोटते थे वहां अब मुर्गा, बकरा, दारू की पार्टियां होने लगी हैं। अकेले थाना मोरवा में आधा दर्जन से ज्यादा कबाड़ की दुकानें संचालित हैं और इतना ही कबाड़ी गैंग रातो रात गाड़ी भरकर उप्र की सीमा में दाखिल हो जाते हैं। डीजल, कबाड़ एवं कोयले का गोरखधंधा पुरानी स्टाईल में शुरू हो गया है। कोतवाली से लेकर नवानगर, जयंत से मोरवा एवं गोरबी तक सीकेडी माफियाओं का जाल दिनों दिन कसता जा रहा है और पुसिल विभाग भारी भरकम सुविधा शुल्क लेकर खेल को हवा दे रहा है। अकेले मोरवा तथा गोरबी इलाके में कोयले एवं डीजल का कारोबार इस समय चरम पर है। एनसीएल की खदानों(गोरबी, जयंंंंंंंंंंंंंंंंत) से कबाड़, डीजल एवं दो नम्बर का कोयला धड़ल्ले से निकल रहा है। सुनियोजित गैंग रात भर काम करते हैं और पुलिस विभाग भी गश्त करती है। कोयले के अवैध कारोबार में एनसीएल के कांटा विभाग के प्रभारी एवं कर्मचारियों का भी सहयोग बताया जा रहा है। कुछ नामचीन नाम हैं जिनकी मोरवा थाना क्षेत्र में जोरों से चर्चा है। कोल यार्ड,    कोल वासरीज में दो नम्बर के कोयले की चोरी को संरक्षण तथा अंजाम देने की खबर है। बताते हैं कि एनसीएल की खदानों के कांटों से ओवर लोड स्टीम कोयला निकाला जाता है और कोल वासरी में या अन्य स्थानों पर दो टन, तीन टन पर गाड़ी डंप कर दिया जाता है। इस तरह जब एक ट्रक फूल कोयला हो जाता है तो फर्जी कागज बनवाकर उसे बनारस की चंदासी मंडी तक या अन्य मांग पर आपूर्ति कर दिया जाता है। एनसीएल की परियोजनाओं के फील्ड वर्कशाप, बेस वर्कशाप तथा खदानों से डीजल की चोरी अनवरत जारी है। एनसीएल के कर्मचारियों से लेकर के सुरक्षा विभाग तथा कथित चोरों के गैंग की टीम चोरी को अंजाम देती है और पुलिस की जानकारी में सैकड़ों लीटर डीजल प्रतिदिन चोरी किया जाता है। 

जरायम पेशाधारी तथा उनके परोक्ष सहयोगी रातो रात लखपति बन रहे हैं और जरायम पेशे का पौधा धीरे धीरे दरख्त की शक्त लेता जा रहा है।