तनाव के हर व्यक्ति के लिए होते हैं अलग-अलग मायने



नई दिल्ली। जिस तरह सुख-दुख, सफलता-असफलता, के प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग मायने होते हैं, ठीक उसी तरह तनाव के मायने भी हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होते हैं। एक हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है, जिसमें लोगों के सोचने और उसे तनाव से जोड़ने के विभिन्न तरीकों को सूचीबद्ध किया गया है। यह अध्ययन जर्नल ऑफ हेल्थ साइकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। मैक्वेरी विश्वविद्यालय के क्रिस्टोफर किल्बी के नेतृत्व में किए गए अध्ययन के मुताबिक, यह हमारी दैनिक शब्दावली का हिस्सा बन गया है। अध्ययन में शामिल कुछ प्रतिभागियों ने बताया कि कैसे अनुभूति तनाव की संवेदनाओं को प्रभावित कर सकती है। किसी ने कहा कि ट्रैफिक जाम में फंसने पर वे निराश हो जाते हैं और तनाव से घिर जाते हैं। अधिकांश प्रतिभागियों (63 प्रतिशत) ने बताया कि तनाव उनकी सोचने की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। ऐसे में वे खराब निर्णय लेते हैं। वहीं अन्य ने कहा कि तनाव के वक्त वे काम पर अधिक फोकस कर पाते हैं।