मांगे पूरी होने तक नहीं होगी किसानों की घर वापसी



नई दिल्ली। संसद में कृषि कानूनों का निरस्तीकरण विधेयक पारित होने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि अब किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा। साथ ही किसानों की घर वापसी भी हो जाएगी। जाम से परेशान आम जनता भी चाहती है कि अब किसान आंदोलन खत्म हो।वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि किसानों के घर वापसी की अफवाह फैलाई जा रही है। एमएसपी और किसानों पर मुकदमा वापस लिए बिना कोई भी किसान यहां से नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि चार दिसंबर को हमारी बैठक है। जब तक एमएसपी पर कानून नहीं बन जाता और किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस नहीं लिए जाते, तब तक कोई भी किसान यहां से नहीं हिलेगा। मांगें पूरी होने के बाद ही हम यहां से जाएंगे। इसी वजह से तीनों कृषि कानून निरस्त होने के बाद भी गाजीपुर, सिंघु, शाहजहांपुर और टीकरी बार्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। हालांकि, इससे पहले संकेत मिल रहे थे कि कृषि कानून निरस्त होने के बाद धरना खत्म हो जाएगा और किसान वापस घर चले जाएंगे। सोमवार को आंदोलनकारियों द्वारा टीकरी बॉर्डर पर कई जगह से तंबू भी हटाए गए थे।