एनसीएल का है ड्रैगलाइन से भावनात्मक लगाव: पी. के. सिन्हा




एनसीएल में ड्रैगलाइन की उपयोगिता बढ़ाने पर आयोजित हुई वर्कशॉप,निदेशलमंडल सहित कंपनी के दिग्गजों ने ड्रैगलाइन की उत्पादकता बढ़ाने पर किया मंथन

काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। एनसीएल में मंगलवार को खदानों में कार्य करने वाली विशालकाय मशीन ड्रैगलाइन के  परिचालन, ऱख-रखाव एवं उपयोगिता क्षमता बढ़ाने को लेकर एक वर्कशॉप का आयोजन एनसीएल मुख्यालय सीईटीआई प्रांगण के एमडीआई भवन में  किया गया।वर्कशॉप में एनसीएल के सीएमडी श्री पी के सिन्हा, निदेशक (तकनीकी/संचालन) डॉ अनिंद्य सिन्हा, निदेशक (वित्त एवं कार्मिक ) श्री आर एन दुबे, पूर्व महाप्रबंधक (उत्तखनन) श्री  एन. बी. सिंह, एस सी वत्स, सभी क्षेत्रों के महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष एवं ड्रैगलाइन परिचालन से जुड़े परियोजना स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।वर्कशॉप में ड्रैगलाइन के सुरक्षित परिचालन, ऱख-रखाव एवं उत्पादकता बढ़ाने, एवं इसके परिचालन में होने वाली सामान्य गलतियों के सुधार पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही वर्कशॉप में दिये गए सुझावों को धरातल पर लाने के लिए दिशा निर्देश व रूपरेखा भी तय की गई।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए कंपनी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री पी.के. सिन्हा ने कहा कि ड्रैगलाइन एक अनुशासन सिखाने वाली मशीन है । एनसीएल देश भर में  ड्रैगलाइन परिचालन के लिए जाना जाता है। इसके परिचालन एवं रख-रखाव में हमें विशेष ध्यान देने एवं लगाव की जरूरत है। उन्होंने ड्रैगलाइन परिचालन एवं रख-रखाव में बारीक से बारीक कार्य पद्धतियों पर ध्यान देने एवं सुधारने को कहा।कार्यशाला को बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए एनसीएल के निदेशक (तकनीकी/संचालन) डॉ अनिंद्य सिन्हा ने एनसीएल के ड्रैगलाइन फ्लीट का विश्लेषण किया एवं बदलते खनन परिदृश्य में ड्रैगलाइन की भूमिका पर प्रकाश डाला।एनसीएल के  निदेशक (वित्त एवं कार्मिक) श्री आर एन दुबे ने एनसीएल में उत्पादन के लिए ड्रैगलाइन के महत्व को बताया साथ ही कंपनी में ड्रैगलाइन व उसकी इंवैंट्री से जुड़े वित्तीय पहलूओं को विस्तार से समझाया । कार्यशाला पूर्व महाप्रबंधक (उत्तखनन) श्री  एन. बी. सिंह व श्री एस. सी. वत्स भी उपस्थित रहे  जिन्होंने ड्रैगलाइन से जुड़े अनुभव साझा किए। कार्यशाला में सभी ड्रैगलाइन मशीनों वाली परियोजनाओं के कर्मियों ने भी अपने प्रेसेंटेशन व पेपर प्रस्तुत किए जिसमें विभिन्न समस्यायों व सुझावों को रखा गया। सेमिनार में उपस्थित प्रतिभागी अधिकारियों ने ड्रैगलाइन परिचालन से संबंधित सभी पहलुओं पर सवाल-जवाब कर अपनी-अपनी कामकाजी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया।गौरतलब है कि कोल इंडिया के पास 32 डैगलाइन परिचालन में है जिनमें से एनसीएल के पास विभिन्न क्षमताओं वाली कुल 23 डैगलाइन मशीनें हैं जो एनसीएल की परिचालन दक्षता का आधार है।