मप्र में नए वैरिएंट को लेकर अलर्ट: स्कूल 50प्रतिशत क्षमता से खुलेंगे, ऑनलाइन क्लासेस जारी रहेंगी; भोपाल-इंदौर में विशेष नजर



भोपाल। मप्र में कोरोना को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। एक बार फिर सरकारी और प्राइवेट स्कूल 50त्न क्षमता से ही खुलेंगे। यानी एक बच्चा 6 दिन में से 3 दिन ही स्कूल आएगा। ऑनलाइन क्लासेस बंद नहीं होंगी, जिससे पेरेंट्स के पास विकल्प रहे। उनकी इच्छा होगी तो ही बच्चे स्कूल जाएंगे। बिना अनुमति के बच्चे स्कूल नहीं बुलाए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जाएगी। नए वैरिएंट के चलते प्रदेशभर में अलर्ट किया गया है। मध्यप्रदेश के दो बड़े शहर भोपाल और इंदौर में विशेष नजर रखी जाएगी।नए वैरिएंट के चलते ष्टरू शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को बड़ी मीटिंग बुलाई। इसके बाद ष्टरू शिवराज सिंह ने फैसला लिया। उन्होंने कहा, देश-विदेश में नए वैरिएंट फैलने की सूचना है। अभी मध्यप्रदेश में नए वैरिएंट को लेकर कोई सूचना नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है। इसलिए आज मीटिंग करके कुछ फैसले लिए हैं। मध्यप्रदेश में नए वैरिएंट को लेकर सरकार ने अलर्ट भी जारी किया है।सरकार ने सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को खोलने के संबंध में बड़ा फैसला लेते हुए पेरेंट्स को 2 विकल्प दिए हैं। इसे 29 नवंबर से ही लागू कर दिया जाएगा। स्कूल खुलेंगे जरूर, लेकिन छात्रों की उपस्थिति 50त्न ही रहेगी। हाल ही में सरकार ने स्कूलों को 100त्न क्षमता से खोलने का निर्णय लिया था। जिसका पेरेंट्स विरोध कर रहे थे। सरकार के फैसले के अनुसार अब बच्चे सप्ताह में 3 दिन ही पढ़ने जाएंगे। स्कूलों को ऑनलाइन क्लासेस जारी रखना पड़ेगी। पालकों के पास विकल्प रहे। पेरेंट्स की इच्छा होगी तो ही बच्चे स्कूल जाएंगे। बिना अनुमति के बच्चे स्कूल नहीं बुलाए जाएंगे। सीएम शिवराज सिंह ने मीटिंग में निर्देश दिए कि दूसरे देशों से मध्यप्रदेश में आने वाले यात्री के संबंध में भारत सरकार के सर्विलांस के नियमों का कड़ाई से पालन करेंगे। एक महीने में जितने भी लोग अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से यहां आए हैं, उनकी जांच की जाएगी। यदि कोई संदिग्ध मिलता है तो उन्हें आइसोलेशन में रखा जाएगा।

प्रदेश में अभी 56 हजार के आसपास कोरोना टेस्टिंग की जा रही है। सरकार इसे भी बढ़ा रही है। ष्टरू ने कहा कि सैंपलिंग की संख्या बढ़ाएंगे, जिससे कहीं कोई स्थिति बने तो जानकारी का आभाव न रहे। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में 64 हजार टेस्ट रोजाना हो रहे थे। अकेले इंदौर में साढ़े नौ हजार टेस्ट हो रहे थे, अब यह संख्या घटकर 53 सौ के करीब है।नए वैरिएंट के असर के चलते प्रदेशभर के अस्पतालों में लगे ऑक्सीजन प्लांट को चलाकर देखा जाएगा। साथ ही मौजूद दवाइयों की उपलब्धता भी चेक की जाएगी।