राकेश सिंह का आरोप- सरकार ने नगरीय निकायों में मनमानी के लिए नियुक्त किये प्रशासक
जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए राकेश सिंह ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाए हैं कि पहले तो जानबूझकर चुनावों को टाला गया और अब अपने चिन्हित और चयनित अधिकारियों को प्रशासक के तौर पर निकायों में बैठाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) की मंशा आने वाले निकाय चुनावों को प्रभावित करने की है.
'गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेगी बीजेपी'
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने अफसरों को नगरीय निकायों में प्रशासक के तौर पर नियुक्त करने को लेकर प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा किसी भी हालत में प्रशासकों की गड़बड़ियों को सहन नहीं करेगी और जहां भी प्रशासक गड़बड़ी पर उतारू होंगे वहां भाजपा सड़क पर उतरेगी. गौरतलब है कि जबलपुर, रीवा, सागर और उज्जैन संभाग के कुल 18 नगरीय निकायों में कार्यकाल समाप्त हो जाने की वजह से प्रशासकों की नियुक्तियां की गईं हैं, जबकि आने वाले 1 महीने के अंदर प्रदेश भर के विभिन्न निकायों में भी कुछ ऐसी ही स्थितियां बनेंगी.
'उद्योग विभाग का सिंगल विंडो सिस्टम केवल भ्रष्टाचार के लिए है'
कमलनाथ सरकार की प्रस्तावित विदेश नीति और प्रदेश सरकार द्वारा जारी उद्योगों के आंकड़ों को लेकर भी राकेश सिंह ने सरकार पर आरोप लगाए. सिंह के मुताबिक प्रदेश में कहीं भी निवेश नहीं आया है जबकि भाजपा का यही प्रयास रहा कि मध्य प्रदेश में उद्योग आए. राकेश सिंह ने कहा कि मौजूदा कमलनाथ सरकार में ऐसे हालात निर्मित हो गए हैं कि उद्योगपतियों को एनओसी देने के लिए भी पैसे मांगे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उद्योग के नाम पर प्रदेश में केवल भ्रष्टाचार पनप रहा है, ज़ाहिर है कि ऐसे हालातों में कोई भी उद्योग प्रदेश में नहीं आएगा. राकेश सिंह ने कहा कि कमलनाथ सरकार सिंगल विंडो सिस्टम के बड़े-बड़े दावे जरूर कर रही है लेकिन ये सिंगल विंडो सिस्टम केवल भ्रष्टाचार करने का है.
ग्वालियर में जय विलास पैलेस में पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अधिकारियों की बैठक आयोजित करने और उसमें राज्यपाल द्वारा कार्रवाई के आदेश पर भी राकेश सिंह ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया. राकेश सिंह का कहना था कि सभी को संविधान के ढांचे के तहत होकर काम करना चाहिए. अब प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें.