NRC-CAA पर दूसरे देशों की चिंताएं दूर कीं, इनका संविधान पर कोई असर नहीं: विदेश मंत्रालय



नई दिल्ली


 


भारत ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर विश्व के कई देशों से संपर्क करके उन्हें बताया है कि इससे देश के संविधान पर कोई असर नहीं होगा। विदेश मंत्रालय ने यहां बृहस्पतिवार को पत्रकारों को यह जानकारी दी। मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि एनआरसी-सीएए को लेकर हम दुनिया के सभी भौगोलिक हिस्सों में बसे देशों तक पहुंचे हैं। हमने इनके बारे में अपने दूतावासों को लिखा है और उनके मेजबान देशों से इस होने वाली प्रक्रिया के बारे में हमारे विचार साझा करने को कहा है। उन्होंने कहा कि एनआरसी और सीएए आंतरिक प्रक्रियाएं हैं। सीएए किसी भारतीय की नागरिकता नहीं लेता और इससे संविधान का आधारभूत ढांचा प्रभावित नहीं होगा।

भारत-जापान समिट की तारीख जल्द होगी तय


असम सहित पूर्वोत्तर भारत में सीएए के विरोध के बाद टल गया भारत और जापान का शिखर सम्मेलन जल्द ही आयोजित होगा। कुमार ने कहा कि हम जापानी पक्ष के साथ बातचीत कर रहे हैं, और आशा करते हैं कि बहुत जल्द ही हम उनके साथ इसकी तारीख निश्चित कर लेंगे। यह सम्मेलन असम के गुवाहाटी और मणिपुर के इंफाल में आयोजित होना था।
 

कश्मीर पर सऊदी अरब-पाकिस्तान समझौता, महज कयास


सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच समझौते की रिपोर्टों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ये खबरें पूरी तरह से अटकलों पर आधारित हैं। कुमार ने कहा कि भारत से संबंधित मामलों पर इस्लामिक सहयोग संगठन की किसी भी बैठक के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। गौरतलब है कि कुछ समय पहले आई खबरों में कहा गया था कि इस संगठन में सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने का समझौता हुआ है।
 

नीरव मोदी प्रत्यर्पण मामले में लगाया पूरा जोर


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि आर्थिक भगोड़े नीरव मोदी पर मुकदमे की सुनवाई लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में हो रही है। हम अपने उपलब्ध सारे संसाधनों का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए कर रहे हैं कि उसको जल्द से जल्द भारत को प्रत्यर्पित कराया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हमने एंटीगुआ और बारबुडा सरकार से अनुरोध किया है कि यदि वे कानूनी कार्यवाही में तेजी ला सकते हैं, तो मेहुल चोकसी के भारत में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया प्रारंभ हो सकती है। गौरतलब है कि ब्रिटेन की अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को 30 जनवरी को पेश होने का आदेश दिया।