मध्य प्रदेश में इस साल बिजली नहीं होगी महंगी! घाटे पर सरकार लाएगी श्वेत पत्र


जबलपुर.नये साल में मध्य प्रदेश  के लोगों के लिए राहत भरी खबर है. इस साल हो सकता है बिजली (power) महंगी ना हो. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा है कि सरकार की कोशिश यही है कि इस साल बिजली की दर नहीं बढ़ायी जाएं. साथ ही बिजली महकमे को हुए नुक़सान पर सरकार श्वेत पत्र लाएगी.बिजली महकमे को लगातार हो रहे घाटे, पिछले चार वित्तीय वर्षों को लेकर दायर ट्रू अप याचिका और नयी टेरिफ याचिका पर प्रियवत सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि घाटे को 1 दिन में वसूला नहीं जा सकता.लेकिन जल्द सरकार इस मामले में श्वेत पत्र लेकर आने वाली है. नई दरों को लेकर टैरिफ याचिका दायर की गई है. सरकार भी नियामक आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखेगी और कोशिश रहेगी कि बिजली की दर बिल्कुल भी ना बढ़ें. साफ है कि ऊर्जा मंत्री का यह बयान प्रदेश की जनता के लिए एक बड़ी राहत कहा जा सकता है. इसमें साल 2020 में विद्युत दरों पर किसी भी तरीके की बढ़ोतरी नहीं की जाना संभावित है.

मोदी सरकार ने बढ़ायी महंगाई
देश में महंगाई दर 7. 35 फीसदी पहुंचने पर कांग्रेस, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है. जबलपुर पहुंचे जिले के प्रभारी और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने इस मामले में केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है.अर्थव्यवस्था के मुद्दों से अलग होकर केंद्र सरकार ध्यान भटकाने का काम कर रही है. कभी नागरिकता संशोधन कानून, कभी धारा 370 और कभी कुछ और. वर्तमान हालात देखकर लगता है कि देश गर्दिश में है. लेकिन सरकार इस पूरे मामले पर अनिभिज्ञ बने रहना चाहती है.



ऊर्जा मंत्री प्रियवत सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस के शासन में भी विश्व मंदी का दौर था.लेकिन मनमोहन सिंह सरकार ने नीतिगत फैसले लिए थे. इसलिए मंदी के दौर में भी अर्थव्यवस्था ठीक से चली. कुछ भी गड़बड़ नहीं हुआ. लेकिन मौजूदा हालात चिंतनीय बने हुए हैं.



सौभाग्य योजना में 100 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा
सौभाग्य योजना में हुए करोड़ों के घोटाले पर प्रियवत सिंह ने कहा यह पूरा घोटाला 100 करोड़ से भी ज्यादा का है. मंडला और डिंडोरी जिले की जांच कराई गई है जिसमें करोड़ों की वसूली अधिकारियों पर निकली. 29 फरवरी तक इस पूरे घोटाले की रिपोर्ट तलब की गई है.भाजपा सरकार में हुए घोटाले पर ऊर्जामंत्री ने कहा ऐसे हजारों वर्क ऑर्डर शासन ने मंजूर किए हैं जिसमें कई नियम और मापदंडों को सरकार ने शिथिल कर दिया. इसके साथ ही सिंगरौली, सीधी, धार, भिंड और मुरैना में भी जांच के आदेश दे दिए गए हैं.