कश्मीर / नजरबंद किए गए चार कश्मीरी नेता रिहा, पिछले पांच महीनों में नेताओं की रिहाई की छठवीं घोषणा


श्रीनगर. राज्य प्रशासन ने घाटी के नजरबंद किए गए विभिन्न पार्टियों के नेताओं में से 5 को शनिवार को रिहा किया। इनमें एनसी नेता नाजिर गुरेजी, पीडीपी के अब्दुल हक खान, पीपुल्स कांफ्रेंस के अब्बास वानी और कांग्रेस के अब्दुल राशि शामिल हैं। इससे पहले 26 नवम्बर, 30 दिसंबर, 10 जनवरी, 16 जनवरी और 17 जनवरी को भी नेताओं को रिहा किया गया था। नजरबंद किए गए नेताओं को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर समेत बारामुला-गुरेज में बनाए गए अस्थाई हिरासत केंद्रों में रखा गया है।


भारत सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया था। इसके बाद जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था।


चरणबद्ध तरीके से नेताओं को रिहा किया गया


अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में विभिन्न पार्टियों के नेताओं को हिरासत में लिया गया था। 2 अक्टूबर को पहली बार कुछ नेताओं को रिहा किया गया। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से नेताओं को रिहा किया गया। हालांकि, अभी भी नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती जैसे प्रमुख नेताओं को नजरबंद ही रखा गया है। 


26 नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए गए


10 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के 26 नेताओं के खिलाफ नागरिक सुरक्षा कानून के तहत दर्ज मामले वापस लिए गए। इनमें उत्तर कश्मीर के 11, दक्षिण कश्मीर के 14 नेता शामिल थे। इसके साथ ही कश्मीर बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष नारिज अहमद रोंगा को भी रिहा किया गया था। 16 जनवरी को नेशनल कान्फ्रेंस के सलमान सागर, शौकत गनी, अल्ताफ कालू, पीडीपी के निजामुद्दीन भट्‌ट और मुख्तियार बाबा को रिहा किया गया था।