कमलनाथ सरकार का गरीब सवर्णों को न्यू ईयर 'गिफ्ट', आरक्षण के लिए अब पूरी करनी होगी ये शर्त


भोपाल. मध्‍य प्रदेश की कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) ने गरीब सवर्णों को न्यू ईयर (New Year) का तोहफा दिया है. जी हां, सरकार गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए नियमों में बदलाव करने जा रही है, यानी वह कड़े नियमों को बदलकर सरल करने जा रही है. मध्‍य प्रदेश में अब सवर्णों को सिर्फ 8 लाख रुपए की सालाना आय का प्रमाण देने भर से उन्हें 10 फीसदी आरक्षण (Reservation) का लाभ मिल सकेगा.

सामान्य प्रशासन विभाग ने तैयार किया प्रस्‍ताव
अब तक आर्थिक कमजोर सामान्य वर्ग के गरीब सवर्णों को आरक्षण के लिए कड़े नियम थे. अब आरक्षण के लिए शर्तें हटाकर नियमों को सरल करके प्रस्ताव तैयार किया गया है. पहले शर्ते थी कि उम्मीदवार के पास पांच एकड़ कृषि भूमि ना हो. नगर निगम क्षेत्र में 1200 वर्गफीट, नगरपालिका क्षेत्र में 1500वर्गफीट और पंचायत क्षेत्र में 1800वर्गफीट का घर ना हो. मजेदार बात ये है कि अब ये सभी शर्तें खत्म की जा रही हैं. लिहाजा अब केवल सालाना 8 लाख रुपए से कम की आय का प्रमाण पत्र देना होगा.

प्रदेश में दिया जाता है इतना आरक्षण






अब तक प्रदेश में 73 फीसदी आरक्षण दिया जाता है, जिसमें 20 फीसदी एसटी, 16 एसससी, 27 फीसदी ओबीसी और 10 फीसदी आर्थिक आधार पर गरीब सवर्णों को दिया गया है. जबकि ओबीसी को 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी आरक्षण को लेकर बने कानून को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

राजस्थान में लागू है ये नियम
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने प्रस्ताव को लागू करने के लिए राजस्थान सरकार के प्रस्ताव का अध्ययन किया है, क्योंकि अब तक सिर्फ गरीब सवर्णों को केवल आय प्रमाण पत्र के आधार पर ही आरक्षण का फायदा मिल रहा है जबकि अन्‍य शर्तों को हटाकर राजस्थान सरकार आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य सवर्णों को आठ लाख से कम आय का प्रमाण पत्र दिखाने पर ही 10 फीसदी आरक्षण का फायदा दे रही है.