काली मिर्च में मिलावट, गुणवत्ता सर्टिफिकेट देने वाली संस्था ने माल को दिया A-1 ग्रेड


भोपाल. काली मिर्च (Black pepper) में जला हुआ ऑयल मिलाया गया और ऐसे माल को A-1 ग्रेड का सर्टिफिकेट भी दे दिया गया. ये सर्टिफिकेट गुणवत्ता की गारंटी देने वाली संस्था NCDEX ने दिया. EOW ने इस मामले में NCDEX के CEO आर रामाशेषन के खिलाफ प्राथमिकी जांच दर्ज कर ली है. मिलावटी मिर्च के इस काले कारोबार में कई कंपनियों के अरबों रुपए मार्केट में फंसे हुए हैं. बैतूल की एक कंपनी की शिकायत पर EOW ने प्राथमिक जांच शुरू की है.मध्य प्रदेश में शुद्ध के लिए युद्ध चल रहा है.मिलावटखोरों के ख़िलाफ कमलनाथ सरकार सख़्त है और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत केस दर्ज किए जा रहे हैं. खाद्य विभाग के बाद अब EOW ने भी मिलावटखोरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है.इसकी शुरुआत काली मिर्च में जला हुआ ऑयल मिलाकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों से की. EOW ने NCDEX के CEO आर रामाशेषन सहित अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिक जांच दर्ज की है.EOW के अनुसार बैतूल ऑयल लिमिटेड कंपनी ने लिखित में शिकायत की थी कि NCDEX उसके 72 करोड़ रुपए वापस नहीं दे रहा है.कंपनी का आरोप है कि NCDEX ने मिलावटी काली मिर्च उसे बेची.हालांकि, डिलीवरी से पहले जब लैब में मिर्च की जांच कराई गई, तो टेस्टिंग में मिर्च में खनिज तेल होने का खुलासा हुआ.इस खुलासे के बाद कंपनी ने काली मिर्च लेने से इंकार कर दिया और अपने 72 करोड़ रुपए वापस मांगे.लेकिन NCDEX उसके पैसे नहीं लौटा रहा है. EOW ने शिकायत की जांच के बाद प्राथमिक जांच पंजीबद्ध कर ली है.

सामग्री का मुख्य विक्रेता है NCDEX


EOW के अधिकारियों ने बताया कि NCDEX सामग्री का मुख्य विक्रेता है.यही संस्था गुणवत्ता की गारंटी भी देती है. NCDEX की इस विश्वसनीयता के कारण देशभर की कंपनियां, सरकारें और प्रतिष्ठान संस्था की वेबसाइट से ऑक्शन दरों पर सामान खरीदते हैं.बैतूल ऑयल कंपनी ने 2012 में 1729.91 टन काली मिर्च NCDEX से खरीदी, लेकिन मिर्च में मिलावट पाई गई.काली मिर्च की डिलीवरी से पहले जब लैब में टेस्ट हुआ, तो इसमें खनिज तेज की मिलावट मिली.मिलावट की पुष्टि होने के बाद कंपनी ने काली मिर्च लेने से मना कर दिया और अपने 72 करोड़ रुपए वापस मांग लिए. लेकिन NCDEX संस्था ने देने से इंकार कर दिया.
मिर्च को ए-वन ग्रेड का सर्टिफिकेट
NCDEX खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की गारंटी लेता है और अलग-अलग ग्रेड तय कर गुणवत्ता का सर्टिफिकेट देता है.इस संस्था को लेकर पहले भी केरल सरकार जांच कर चुकी है. लेकिन उस दौरान कुछ नहीं हुआ था.अब केरल के बाद मध्यप्रदेश में EOW ने मामले की जांच के बाद प्राथमिकी जांच पंजीबद्ध की है.आरोप है कि NCDEX ने काली मिर्च को मलाबार ए-वन ग्रेड का सार्टिफिकेट जारी किया था.जिन कंपनियों ने मिलावटी मिर्च बाज़ार में बेची, उन कंपनियों के भी अरबों रुपए बाजार में फंस गए हैं.