जेएनयू में हिंसा / उद्धव ने कहा- कैंपस में हुई हिंसा ने मुझे मुंबई के आतंकी हमले की याद दिला दी; सोनिया बोलीं- विरोध की आवाज दबाने के लिए हद लांघ रही सरकार
नई दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार रात छात्र-शिक्षकों पर नकाबपोशों के हमले के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। सोमवार को कांग्रेस ने इस हिंसा के लिए भाजपा और एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि संघ को कैंपस से खूनी खेल बंद करना चाहिए। वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यूनिवर्सिटी को राजनीति का अड्डा नहीं बनाना चाहिए। वहीं सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार अपने विरोध में उठी आवाज दबाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
जेएनयू कैंपस में रविवार शाम को हुई हिंसा में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई छात्र और शिक्षक घायल हो गए थे। इसके बाद रात भर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। रविवार की रात को ही गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की थी। उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को कानून-व्यवस्था बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आदेश भी दिया था।
किसी भी हद तक जा सकती है सरकार: सोनिया
कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘जेएनयू में रविवार को छात्र-शिक्षकों पर हुआ घातक हमला इस बात को साबित करता है कि सरकार अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने के लिए किस हद तक जा सकती है।’’
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा- हमलावर कायर थे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा- हमलावरों को मास्क पहनने की जरूरत क्यों पड़ी? वे कायर थे। मैं टीवी देख रहा था। इसने मुझे मुंबई हमले की याद दिलाई। मैं महाराष्ट्र में इस तरह के हमले बर्दाश्त नहीं करूंगा।
देश में अशांति फैलाने की साजिश: विजयन
केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, ‘‘संघ को कैंपस से खतरनाक खूनी खेल बंद करना चाहिए। यह अच्छा रहेगा, अगर वे समझ लें कि छात्रों की आवाज ही देश की आवाज है। छात्र असहिष्णुता के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। जेएनयू के छात्रों-शिक्षकों पर नाजी-स्टाइल में उन लोगों द्वारा हमला किया गया, जो देश में अशांति और हिंसा फैलाना चाहते हैं।’’
अमित शाह के निर्देश पर हिंसा: सुरजेवाला
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि जेएनयू में हिंसा की घटना के पीछे भाजपा और एबीवीपी के गुंडे हैं। दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब अमित शाह के निर्देश पर किया जा रहा है। कांग्रेस समेत विपक्ष ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा। सारे देश ने सरकार प्रायोजित गुंडागर्दी और आंतक को देखा। यह सब जेएनयू प्रशासन और सीधे गृहमंत्री अमित शाह के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में हुआ। वहीं, कपिल सिब्बल ने कहा कि नकाबपोशों को कैंपस के अंदर जाने की इजाजत कैसे दी गई। कुलपति ने क्या किया। पुलिस बाहर क्यों खड़ी रही। गृह मंत्री क्या कर रहे हैं। इन सभी सवालों के जवाब अब तक नहीं मिले हैं। साफ तौर पर यह एक षड्यंत्र है। इसकी जांच जरूरी है।
छात्रों को सियासी हथियार न बनाया जाए: स्मृति
स्मृति ईरानी ने कहा कि जेएनयू हिंसा मामले की जांच शुरू हो चुकी है, लिहाजा अभी इस पर बोलना ठीक नहीं होगा। विश्वविद्यालयों को न तो राजनीति का अड्डा नहीं बनना चाहिए और न ही छात्रों को राजनीतिक हथियार की इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
वामपंथी छात्र जिम्मेदार: गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जेएनयू की हिंसा पर कहा कि वामपंथी छात्र यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा धूमिल कर रहे हैं। उन्होंने संस्थान को उपद्रव का अड्डा बना दिया है।
मायावती ने कहा- जेएनयू की घटना शर्मनाक
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भी जेएनयू की घटना की निंदा करते हुए, कैंपस में हिंसा को शर्मनाक करार दिया है। मायावती ने घटना को लेकर जिम्मेदारों के रवैये पर भी सवाल उठाए हैं।