जेएनयू हिंसा / स्टिंग में दावा- यूनिवर्सिटी में हमला करने वाले एबीवीपी से जुड़े थे, लेफ्ट की भूमिका भी सामने आई


नई दिल्ली. जेएनयू कैंपस में 5 जनवरी को हुई हिंसा पर इंडिया टुडे का एक स्टिंग सामने आया। इसमें एबीवीपी कार्यकर्ता छात्रों के साथ मारपीट करता दिखा, वहीं लेफ्ट के कुछ लोग भी लाठी लिए दिखे। जेएनयू के रिकॉर्ड के मुताबिक, छात्र की पहचान अक्षत अवस्थी के रूप में हुई। वह कावेरी हॉस्टल में रहता है और फ्रेंच डिग्री प्रोग्राम में फर्स्ट ईयर का छात्र है।


जब न्यूज चैनल के रिपोर्टर ने एबीवीपी सदस्य अक्षत से इस हिंसा पर बात की तो उसने एक वीडियो बताया, जिसमें वह हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के साथ मारपीट करता दिख रहा है। रिपोर्टर ने अक्षत से पूछा- आपके हाथ में क्या था? अक्षत ने कहा- ‘‘वह एक लाठी थी, सर। मैंने उसे झंडे से बाहर निकाली और पेरियार हॉस्टल के पास पहुंचा।’’


‘यह केवल जवाबी हमला था’



  • रिपोर्टर ने पूछा- क्या तुमने किसी को मारा? अक्षत ने कहा, ‘‘मैं कानपुर के उस इलाके से आता हूं, जहां हर गली में गुंडे होते हैं। मैं उन्हें देखा करता था। यह केवल जवाबी हमला था। एक दिन पहले लेफ्ट के छात्रों ने पेरियार हॉस्टल के छात्रों के साथ मारपीट की थी।’’

  • आखिर कुछ ही घंटों में कैंपस के बाहर भीड़ कैसे इकट्ठा हो गई? इस पर अवस्थी ने रिपोर्टर से कहा- मैंने एबीवीपी के संगठन मंत्री को फोन किया था। उस समय साबरमती में लेफ्ट के छात्र और शिक्षकों की मीटिंग चल रही थी। जब वहां हमला हुआ तो शिक्षक और छात्र इधर-उधर भागने लगे क्योंकि उन्होंने कभी सोचा ही नहीं था कि एबीवीपी ऐसा हमला कर सकता है।

  • रिपोर्टर ने कहा- तुम बता रहे थे कि जेएनयू में एबीवीपी के 20 कार्यकर्ता हैं और 20 को बाहर से बुलवाया गया था। इस पर अक्षत ने कहा- मैं आपको इतना कह सकता हूं कि पूरी भीड़ मैंने इकट्ठा की। उनमें ज्यादा दिमाग नहीं होता। आपको केवल एक कमांडर की तरह व्यवहार करना होता है। मैंने उन्हें सारी बातें बताईं कि क्या और कहां किया जाना है? कहां छिपना है, कहां जाना है।

  • अक्षत ने कहा- मैंने कह दिया था कि सबकुछ योजनाबद्ध ढंग से होना चाहिए। हालांकि, मेरे पास कोई पद नहीं फिर भी वे सभी मेरी बात ध्यान से सुनते हैं।  


वॉट्सएप ग्रुप के 37 सदस्यों की पहचान


पुलिस की विशेष जांच इकाई ने वॉट्सऐप ग्रुप ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ के 60 में से 37 सदस्यों की पहचान कर ली है। यह खुलासा शनिवार को न्यूज एजेंसी ने दिल्ली पुलिस के सूत्रों के आधार पर किया। शुक्रवार शाम दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जेएनयू हिंसा मामले में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 9 छात्रों की पहचान उजागर की थी। पुलिस का कहना था कि फिलहाल किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। सभी को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। वहीं, आइशी का कहना था कि मेरे पास भी सबूत हैं, जिनसे साबित होता है कि मुझ पर हमला किया गया। पुलिस ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस वॉट्सऐप ग्रुप का जिक्र किया था। 



हम पुलिस से डरने वाले नहीं- आइशी घोष


आइशी घोष ने कहा था- दिल्ली पुलिस अपनी जांच कर सकती है। मेरे पास भी सबूत हैं, जिनसे जाहिर हो जाएगा कि मुझपर किस तरह हमला किया गया। मेरा देश के कानून और व्यवस्था में पूरा विश्वास है। मुझे न्याय मिलेगा, लेकिन दिल्ली पुलिस पक्षपात क्यों कर रही है? मेरी शिकायत पर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई। मैंने किसी पर कोई हमला नहीं किया। हम दिल्ली पुलिस से डरने वाले नहीं। हम कानून-व्यवस्था के साथ खड़े रहेंगे।


छात्रों को केवल रूम रेंट देना होगा- कुलपति


जेएनयू के वीसी एम जगदीश कुमार ने कहा था- हजारों छात्र विंटर सेमेस्टर एग्जाम्स के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। हम छात्रों की मदद के लिए हर कदम उठा रहे हैं। अब कोई भी सर्विस और यूटिलिटी चार्ज नहीं लिया जाएगा। छात्रों को केवल रूम रेंट देना होगा, जो कि 300 रुपए है। जो पैसा छात्रों से लिया जा रहा है, उसका इस्तेमाल उन्हीं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए किया जाएगा।



हंगामा इसलिए ताकि एबीवीपी और भाजपा पर इल्जाम लग सके- जावड़ेकर
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था- शुक्रवार की पुलिस ब्रीफिंग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पिछले 5 दिनों से जानबूझकर इसलिए हंगामा मचाया जा रहा था ताकि एबीवीपी, भाजपा और अन्य पर आरोप लगाया जा सके। यह सच नहीं है। यह लेफ्ट संगठन थे, जिन्होंने हिंसा की साजिश रची, सीसीटीवी खराब किए और सर्वर को बर्बाद दिया।