जम्मू-कश्मीर / नीति आयोग के सदस्य ने कहा- इंटरनेट का इस्तेमाल गंदी फिल्में देखने में होता है, बैन का अर्थव्यवस्था पर खास असर नहीं


गांधीनगर. नीति आयोग के सदस्य वी.के. सारस्वत ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद करने से अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा है, क्योंकि वहां उसका इस्तेमाल केवल गंदी फिल्में देखने के लिए किया जाता है। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पिछले 5 महीनों तक जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई थी।


सारस्वत गांधीनगर में धीरूभाई अंबानी इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के वार्षिक समारोह में पहुंचे थे। वहां मीडियाकर्मियों ने उनसे सवाल किया कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट क्यों बंद है, जबकि इसे देश के विकास के लिए अहम माना जाता है? इस पर सारस्वत ने कहा, “कश्मीर में इंटरनेट न होने से क्या फर्क पड़ता है? वहां इंटरनेट पर क्या देखा जाता है? वहां क्या ई-टेलिंग (पढ़ाई) हो रही है? गंदी फिल्में देखने के अलावा वहां इंटरनेट पर कुछ भी नहीं किया जाता है।” 


"राजनेता कश्मीर में विरोध-प्रदर्शन कराना चाहते हैं"


राजनेताओं को जम्मू-कश्मीर का दौरा करने की इजाजत के सवाल पर नीति आयोग के सदस्य ने कहा, “राजनेता कश्मीर क्यों जाना चाहते हैं? वे कश्मीर में दिल्ली की सड़कों पर हो रहे विरोध-प्रदर्शन को फिर से खड़ा करना चाहते हैं। वे विरोध को हवा देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं।”


जम्मू-कश्मीर में 5 महीने इंटरनेट बंद रहा


जम्मू-कश्मीर से 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 हटाकर राज्य का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। इस दौरान कुछ समय के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लगाया था। राजनेताओं को नजरबंद किया गया था और संचार सेवाओं को बंद कर दिया गया था।


शनिवार को 2जी मोबाइल सेवा शुरू की गई


शनिवार (18 जनवरी) को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू कर दी थी। जम्मू के सभी जिलों और कश्मीर के दो जिलों में बांदीपोरा और कुपवाड़ा में फिलहाल केवल 153 वेबसाइटें ही खोली जा सकेंगी। प्रशासन ने कहा कि कश्मीर घाटी के बड़गाम, गांदरबल, बरामूला, श्रीनगर, कुलगाम, अनंतनाग, शोपियां और पुलवामा जिलों में मोबाइल इंटरनेट सर्विस फिलहाल बंद रहेगी। हालांकि इन जिलों में शिक्षण संस्थाओं और आवश्यक सेवाओं से जुड़े स्थानों पर मंगलवार की रात से ही ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू कर दी गई थी। इलाके में सोशल मीडिया साइट्स पर पाबंदी बरकरार रखी गई है।


सुप्रीम कोर्ट ने पाबंदी की समीक्षा करने को कहा


इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद करने की समीक्षा करने को कहा था। अदालत ने यह भी कहा था कि इंटरनेट पर पाबंदी कुछ वक्त के लिए ही लगाई जा सकती है और उसकी न्यायिक समीक्षा की जा सकती है।