हिण्डालको महान द्वारा कम्बल वितरण कार्यक्रम में कम्बल पाकर विस्थापितो के चेहरे खिलखिलाये


काल चिंतन संवाददाता,
बरगवां,सिंगरौली। हड्डी कपकपांने वाली ठण्ड से पूरा भारत जाड़े की गिरफ्त में है एसे में जरुरत है ठण्ड से खुद को कैसे बचाया जाय साथ ही ऐसे लोगो के विषय मे भी सोचना चाहिये की जो संसाधनो की कमी के वजह से ठण्ड से लड़ने में असक्षम है'' शासन-प्रषासन ठण्ड के खिलाफ जमीनी स्तर पर अलाव की व्यवस्था कर कुछ हद तक सफल प्रयास किया जा रहा है वही हिण्डालको महान ठण्ड के मौसम में आम लोगो को राहत पहुचांने के लिये कम्बल वितरण कार्यक्रम का आयोजन अनवरत कर रहा है जिसके अन्तर्गत हिण्डालको महान औद्यौगिक परिसर के सी0एस0आर0 कार्यालय में आस-पास के विस्थापित गांव के विस्थापित वृध्दजनो को कम्बल प्रदान कर हिण्डालको महान के परियोजना प्रमुख रजन सोमानी, मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुखर्जी, वित्त प्रमुख सुषान्त नायक ने 450 विस्थापित परिवारो के वृध्द परिजनो को कम्बल प्रदान कर उनके हाल-चाल जाने। विदित हो कि हिण्डालको महान अपने विस्थापित जनो के 60 वर्ष के अधिक आयु के लागो को प्रतिमाह 1500 रुपये पेन्सन के रुप में प्रदान करता है साथ ही इन वृध्दजनो को प्रतिवर्ष कम्बल प्रदान किया जाता है। कम्बल वितरण कार्यक्रम के अन्तर्गत इस वर्ष 425 कम्बलो का वितरण किया गया जिसमें हिण्डालको महान के परियोजना प्रमुख रजन सोमानी, मानव संसाधन प्रमुख बिष्वनाथ मुखर्जी, वित्त प्रमुख सुशान्त नायक व पी0आर0 कन्सलटैन्ट चेतन पाटीदार, महान सुरक्षा अधिकारी असिम भट्ट, इ0आर0 प्रमुख जमाल अहमद, योगेष ग्रोबर व हिण्डालको महान सी0एस0आर0 प्रमुख यसवंत कुमार ने अपने कर-कमलो से लोगो को कम्बल प्रदान किया, वही कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुये परियोजना प्रमुख रतन सोमानी ने कहा की कम्बल बांटने के बहाने आप लागो का हाल-चाल जानने के लिये इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। साथ ही कहा की यदि हमें यहां पर कोयले की खदान मिल जाये तो हम आपके लिये और बेहतर करने के लिये बेताब है। वही वित प्रमुख सुषान्त नायक ने कहा की आप सभी को देखकर मुझे अपनी मातृभूमि की याद आ गयी। साथ ही विस्थापितो को आभार भी व्यक्त किया की आप लोगो के सहयोग के वजह से ही ये कम्पनी स्थापित हो पायी व सी0एस0आर0 टीम की सराहना की। वही कार्यक्रम को सफल बनाने में सी0एस0आर0 टीम से तापस दत्ता, विजय वैष्य, धीरेन्द्र तिवारी, बीरेन्द्र पाण्डेय, सौरव देवदर्षी, देवेष त्रिपाठी, अरविन्द वैश्य, प्रवीण श्रीवास्तव, सरेहन साहु , भोला वैश्य, दयानन्द, श्रीप्रकाश पाण्डेय, अखिलेश साहु व शिव सिंह का विशेष योगदान रहा।