भोपाल / अतिथि शिक्षकों ने कफन ओढ़कर याद दिलाया सरकार को वादा; 16 दिन से कर रहे हैं आंदोलन


भोपाल. राजधानी के शाहजहांनी पार्क में 16 दिनों से जन सत्याग्रह कर रहे अतिथि शिक्षकों ने कफन ओढ़कर सरकार के सामने अपनी मांगें रखी हैं। सत्याग्रह पर बैठे अतिथि शिक्षकों ने बताया है कि कमलनाथ ने अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार नहीं करने की बात कही है, लेकिन तीन महीने में नियमित करने का वादा भूल गई सरकार ने हमें कफन ओढ़ने लायक बना दिया है। इसलिए हमने कफन ओढ़कर विरोध जताया है और सुझाव भेजे हैं। 


सत्याग्रही अतिथि शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि अतिथि शिक्षकों के लगातार धरना प्रदर्शन कर हक लेने की जिद को अब भी कमलनाथ सरकार संज्ञान में नहीं ले रही है। जबकि हमारे हड़ताल पर चले जाने से स्कूलों की पढ़ाई बहुत ज्यादा प्रभावित होती है। फिर भी सरकार बेफिक्र बनती जा रही है। सार्वजनिक शिक्षा को हल्के में लेते जा रही है। सरकारी स्कूलों ही नहीं बल्कि सरकारी विभागों को भी सार्वजनिक क्षेत्र के हाथों से अलग कर कार्पोरेट घरानों के हाथों सौंपकर निजीकरण करने का काम धीरे-धीरे करते जा रही है।


17वें दिन शरीर से खून निकालकर करेंगे सत्याग्रह 


अतिथि शिक्षकों ने जन सत्याग्रह के 17वें दिन कफन ओढ़कर सरकार और समिति को अतिथि शिक्षकों को नियमित करने से संबंधित सुझाव दिए हैं। कफन ओढ़कर किए गए प्रदर्शन से सरकार तक संदेश भेजा गया है कि सरकार ने जो तीन महीने में अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का झूठा वचन दिया है, इससे अतिथि शिक्षकों को कफन के काबिल बना दिया है। अतिथि शिक्षक असमय 17वें दिन अपने शरीर से खून निकालकर सरकार को पत्र और मांगों से संबंधित नारों का लेखन करेंगे।


अब स्कूली छात्रों का भी समर्थन सत्याग्रह स्थल पर शुरू
स्कूली बच्चे भी अब अतिथि शिक्षकों के पक्ष में जन सत्याग्रह स्थल पर पहुंचकर कमलनाथ जी के दिये वचन को याद दिलाना शुरू कर दिये हैं। जल्द ही सरकार ठोस निर्णय नहीं लेती है,तो प्रदेश की जगह जगह से समर्थन के लिए छात्र सत्याग्रह स्थल पर पहुंचने के लिए तैयार हैं। मांग की गई है, कि जल्द ही वचन को पूरा करे सरकार ताकि सत्याग्रह स्थिगित कर स्कूल वापस हो जायें। सरकार की सेवा निरंतर जारी रहे।