नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जामिया में पिछले एक महीने से प्रदर्शन जारी है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने के लिए कांग्रेस नेता शशि थरूर जेएनयू पहुंचे। थरूर ने कहा कि भारत की पहचान एक धर्म और एक जाति के रूप में नहीं हैं, लेकिन फिर भी भारत में एकता है। अपने संबोधन में उन्होंने सीएए को अलोकतांत्रिक और भेदभावपूर्ण कानून बताया। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के साथ जामिया में प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने पहुंचे शशि थरूर ने कहा कि सीएए भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा है। थरूर ने जामिया के बाद शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया और फिर वह देर रात जेएनयू पहुंचे। साबरमती टी प्वाइंट में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जेएनयू में हिंसा के लिए जगह नही हैं। इसके दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, थरूर ने जेएनयू में जारी आंदोलन का समर्थन किया और कहा कि विश्वविद्यालय ने जिस तरीके से फीस बढ़ाई है, वह गलत है। प्रशासन को छात्रों से बातचीत करनी चाहिए थी।