भाजपा महासचिव विजयवर्गीय की एडीएम को धमकी, कहा- शहर में संघ के पदाधिकारी हैं, वरना इंदौर में आग लगा देता


इंदौर. भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को अधिकारियों को धमकी दी। कमिश्नर के घर के बाहर धरने पर बैठे विजयवर्गीय ने एडीएम से कहा, ''हमसे मिलने के लिए अधिकारियों के पास समय नहीं है, इतने बड़े हो गए क्या, इतनी औकात हो गई क्या उनकी (कमिश्नर)। हम लिखित में पत्र दे रहे हैं कि हम मिलना चाहते हैं, इतने बड़े अधिकारी हो गए क्या। उन्हें समझना चाहिए कि वे जनता के नौकर हैं। ये बर्दाश्त नहीं करेंगे अब। वो तो हमारे संघ के पदाधिकारी शहर में हैं, नहीं तो आज आग लगा देता इंदौर में।''


दरअसल, शुक्रवार दोपहर भाजपा नेता शहर की समस्याओं को लेकर कमिश्नर के घर के बाहर धरना दे रहे थे। वह अफसरों से मिलकर समस्याओं पर चर्चा करना चाहते थे। कमिश्नर उनसे मिलने नहीं आए तो गुस्साए विजयवर्गीय ने कहा कि उन्हें लग रहा है कि हमने चूड़ी पहन रखी है। उन्हें एक चिट्‌ठी का जवाब देने की फुर्सत नहीं है। जनता की नौकरी कर रहे हैं या कमलनाथ की ड्यूटी बजा रहे हैं। हमें ज्ञापन नहीं, बैठकर चर्चा करनी थी। हमने भी सरकार चलाई है।


भाजपा ने बैठक करने के संबंध में चार अधिकारियों को भेजा था पत्र


शहर की समस्याओं पर बात करने के लिए भाजपा नगर अध्यक्ष के माध्यम से चार अधिकारियों को पत्र लिखा गया था। पत्र के माध्यम से बताया गया था कि शुक्रवार को भाजपा महासचिव और अन्य भाजपा नेता उनसे रेसीडेंसी पर मिलना चाहते हैं, लेकिन कोई अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुआ। इसी बात को लेकर विजयवर्गीय उखड़ गए और अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई और संभाग कमिश्नर आकाश त्रिपाठी के घर के सामने धरने पर बैठ गए। उनके साथ सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया, विधायक रमेश मेंदोला, विधायक आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक जीतू जिराती, नगर अध्यक्ष समेत सैकड़ों कार्यकर्ता धरने पर बैठे। 


सिर्फ निगम कमिश्नर ने पत्र का जवाब दिया- विजयवर्गीय


विजयवर्गीय ने कहा- हमारी पार्टी ने विधिवत चार अधिकारियों कमिश्नर आकाश त्रिपाठी, कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव, पुलिस प्रमुख रुचिवर्धन मिश्र और निगम कमिश्नर आशीष सिंह को पत्र लिखा था। निगम कमिश्नर ने पत्र का जवाब देते लिए लिखा था कि शुक्रवार को मैं व्यस्त रहूंगा। आगे कभी भी शहर को लेकर कोई चर्चा करनी है, तो मैं उपलब्ध रहूंगा। 


पत्र का जवाब न देना शासन और प्रशासन का अहंकार


कैलाश ने कहा- हम अधिकारियों से मिलने रेसिडेंसी कोठी पहुंचे, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। भाजपा कोई छोटी-मोटी पार्टी नहीं है। राष्ट्रीय पार्टी है, जिसकी केंद्र में सरकार है। नगर अध्यक्ष यदि अधिकारियों को पत्र लिखता है और अधिकारी उसका जवाब भी नहीं देता तो यह हमारे लिए गंभीर बात है। हम इसे शासन और प्रशासन का अहंकार मानते हैं। अहंकार रावण का भी खत्म हुआ है और इसलिए इस अहंकार का जवाब हम वक्त आने पर देंगे। हम इसे भाजपा और उसके कार्यकर्ताओं का अपमान मान रहे हैं। यदि भाजपा कार्यकर्ताओं का कोई अपमान करे चाहे फिर वह कितना ही बड़ा नेता हो अधिकारी हो उसे जमीन दिखाना हमें आता है, वक्त आने पर हम उन्हें दिखा देंगे।