बंगाल में चुनाव से पहले अमित शाह बांग्ला भाषा सीख रहे, शास्त्रीय संगीत की भी शिक्षा ली


नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में अभी एक साल का समय बाकी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अभी से इसकी तैयारी में जुट गए हैं। शाह बांग्ला भाषा सीख रहे हैं। इसके लिए उन्होंने एक शिक्षक रख लिया है। कोशिश यह है कि भाजपा अध्यक्ष कम से कम इस भाषा को समझने लगें और पश्चिम बंगाल की सभाओं में अपने भाषणों की शुरुआत बांग्ला में करें, जिससे भाषण प्रभावी लगे। शाह ने शास्त्रीय संगीत की भी शिक्षा ली है। खुद को रिलैक्स करने के लिए शाह शास्त्रीय संगीत और योग का सहारा लेते हैं।


प. बंगाल में भाजपा के एक बड़े नेता के मुताबिक, इसमें कुछ भी नया नहीं है। भाजपा अध्यक्ष बांग्ला और तमिल समेत देश के अलग-अलग प्रदेशों में बोली जाने वाली चार भाषाएं सीख रहे हैं। शाह को चुनावी रणनीति का माहिर माना जाता है। हर चुनाव के लिए शाह अलग-अलग रणनीति बनाते हैं। लेकिन महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड विधानसभा चुनाव में हारने के बाद अब शाह बंगाल में चुनावी कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं। इसके लिए कायकर्ताओं से संवाद और समन्वय जरूरी है। भाषा कहीं इस रणनीति में आड़े न आए, इसके लिए शाह बांग्ला सीख रहे हैं।


गुजरात से बाहर रहने के दौरान शाह ने हिंदी पर पकड़ बनाई


कई लोग आश्चर्य करते हैं कि गुजरात में सालों बिताने के बावजूद अमित शाह कैसे अच्छी हिंदी बोल लेते हैं। इस पर सूत्रों का कहना है कि जेल में रहने के दौरान और कोर्ट द्वारा गुजरात में प्रवेश पर दो साल का प्रतिबंध लगाए जाने के दौरान अमित शाह ने हिंदी पर पकड़ बनाई थी। भाजपा अध्यक्ष बनने से पहले उन्होंने देश भर का दौरा किया और वह प्रमुख तीर्थ स्थलों पर गए। इससे उन्हें देश के तमाम हिस्सों के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक पहलुओं को समझने में मदद मिली।