बांग्लादेश / प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा- सीएए-एनआरसी भारत का अंदरूनी मामला, पर इसकी जरूरत क्यों पड़ी, पता नहीं?


दुबई. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को सीएए और एनआरसी को भारत का अंदरूनी मामला बताया। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों कानूनों की जरूरत नहीं थी, पर इससे भारत-बांग्लादेश के रिश्ते पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पिछले साल दिसंबर में बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमेन ने सीएए-एनआरसी को लेकर चल रहे विरोध के दौरान अपना भारत दौरा रद्द कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि इन कानूनों से पड़ोसी देशों पर असर पड़ेगा।


शेख हसीना फिलहाल दुबई में हैं। उन्होंने गल्फ न्यूज से इंटरव्यू में कहा कि हमें नहीं पता कि भारत सरकार को इस कानून की जरूरत क्यों पड़ी? हसीना का यह बयान बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन के बयान के एक हफ्ते बाद आया है। उन्होंने कहा था- सीएए और एनआरसी भारत के आंतरिक मुद्दे हैं, लेकिन देश में किसी भी अनिश्चितता से पड़ोसियों के प्रभावित होने की संभावना होती है।


‘सीएए-एनआरसी से भारतीय नागरिकों को परेशानी’
हसीना ने भी कहा- भारत से कोई रिवर्स माइग्रेशन नहीं हुआ है। लेकिन, इस कानून से भारतीय नागरिकों को परेशानी हो रही है। मौजूदा समय में भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छे संबंध हैं। दोनों देश कई क्षेत्रों में साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पिछले साल अक्टूबर में भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे व्यक्तिगत तौर पर इस कानून को लेकर आश्वासन दिया था।


गल्फ न्यूज के मुताबिक, बांग्लादेश की 16 करोड़ की आबादी में 10.7% हिंदू और 0.6% बौद्ध हैं, लेकिन इसकी वजह से माइग्रेशन नहीं हुआ।


गैर-बांग्लादेशी हमारे देश में आया तो खदेड़ देंगे- मोमेन
बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोमेन ने पिछले महीने भारत सरकार से अवैध ढंग से रह रहे अपने नागरिकों की सूची भी मांगी थी, जिससे उन्हें वापस बांग्लादेश आने की इजाजत दी जा सके। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि अगर कोई गैर बांग्लादेशी सीएए और एनआरसी की आड़ में आने की कोशिश करेगा तो उसे खदेड़ देंगे।