अब चिदंबरम ने की देश की अर्थव्यवस्था के और बदहाल होने की भविष्यवाणी 


नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और देश के पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बाद देश की अर्थव्यवस्था के और बदहाल होने की भविष्यवाणी की है। मालूम हो आईएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी ग्रोथ का अब तक का सबसे कम अनुमान पेश किया है। आईएमएफ ने कैलंडर वर्ष 2019 के लिए सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया है। आईएमएफ के अनुमान की बात करते हुए चिदंबरम ने कहा कि अगर यह और नीचे चली जाती है तो आश्चर्य नहीं होगा, 4.8 फीसदी का अनुमान भी कुछ विंडो ड्रेसिंग के बाद है। इसके साथ ही चिदंबरम ने चिंता जताई कि इस अनुमान के सामने आने के बाद आईएमएफ और डॉ. गीता गोपीनाथ पर सरकार के मंत्री हमलावर हो सकते हैं।
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने दिसंबर में कहा था कि भारत की ग्रोथ फोरकास्ट जनवरी में होने वाले रिव्यू में 'काफी' घटाई जा सकती है। पिछले हफ्ते यूनाइटेड नेशंस ने वित्त वर्ष 2020 के लिए इंडिया की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5.7 प्रतिशत से घटाकर 5 फीसदी कर दिया था। सरकार के सांख्यिकी विभाग ने भी इससे पहले 5 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान जताया था। वर्ल्ड बैंक भी ग्रोथ अनुमान घटाकर 5 प्रतिशत पर ला चुका है।
अक्टूबर में दिए गए अनुमान में उसने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 6.1 प्रतिशत रहेगी। इस कमी के लिए आईएमएफ ने देश में डिमांड में अनुमान से ज्यादा कमी आने और नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल सेक्टर के दिक्कत में फंसने का हवाला दिया। इंडिया की ग्रोथ रेट में इस बड़ी कमी का असर वर्ल्ड इकॉनमी के लिए आईएमएफ के अनुमान पर भी पड़ा। आईएमएफ के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 2019 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पहले उसने 3 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान दिया था।
आईएमएफ के वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) अपडेट में यह भी कहा गया कि 2020 में इंडिया की इकनॉमिक ग्रोथ 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पहले दिए गए अनुमान के मुकाबले यह 0.9 प्रतिशत कम है। 2021 में उसने 6.5 प्रतिशत ग्रोथ रेट का अनुमान दिया। रिपोर्ट में आईएमएफ ने मौजूदा और अगले साल इंडिया की ग्रोथ में सुधार के लिए मौद्रिक और राजकोषीय मोर्चे पर राहत के उपायों और ऑयल प्राइसेज में नरमी के अनुमान को आधार बनाया। वैश्विक स्तर पर 2020 में ग्रोथ बढ़कर 3.3 प्रतिशत होने का अनुमान है। 2021 में इसके और बढ़कर 3.4 प्रतिशत पहुंचने का अनुमान दिया गया। आईएमएफ ने 2019 और 2020 के लिए विश्व अर्थव्यवस्था के लिए अपने अनुमान में पहले के अनुमानों के मुकाबले क्रमश: 0.1 और 0.2 पर्सेंटेज पॉइंट्स की कमी की। डब्ल्यूईओ में अनुमान जताया गया कि 2019 में चीन की ग्रोथ 6.1 प्रतिशत रही। मौजूदा साल में चीन की ग्रोथ 6 प्रतिशत रहने का अनुमान दिया गया। उम्मीद की किरण यही है कि मौद्रिक मोर्चे पर नरमी और अमेरिका-चीन ट्रेड डील से सेंटिमेंट बेहतर होने से ग्लोबल रिकवरी की संभावना मजबूत हो सकती है। हालांकि अमेरिका-ईरान के बीच तनाव से ऑयल सप्लाई पर पड़ सकने वाले असर और कमजोर इनवेस्टमेंट के कारण ग्रोथ के लिए जोखिम की स्थिति भी है।