1993 ब्लास्ट / मुंबई से फरार हुआ आतंकी 'डॉक्टर बम' कानपुर से गिरफ्तार, 21 दिन पहले अजमेर जेल से पैरोल पर बाहर आया था


मुंबई. 1993 में राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी आतंकी जलीस अंसारी (68) को शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। वह 21 दिन पहले अजमेर जेल से पैरोल पर अपने घर मुंबई आया था। आज उसकी पैरोल खत्म हो रही थी। लेकिन, इससे पहले ही वह गुरुवार को मुंबई से भाग गया था। 1993 में राजधानी ट्रेन में कोटा और कानपुर में हुए ब्लास्ट मामले में अजमेर की टाडा कोर्ट ने अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 


50 से ज्यादा ब्लास्ट का मास्टरमाइंड है अंसारी
आतंकी जलीस अंसारी पर 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट, राजधानी एक्सप्रेस ब्लास्ट, पुणे सीरियल ब्लास्ट सहित 90 के दशक में देश भर में 50 से अधिक ब्लास्ट की साजिश रचने का आरोप है। 1993 में ही 5-6 दिसंबर की रात को देशभर में 6 जगहों पर राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में ब्लास्ट हुए थे। राजधानी ट्रेन में कोटा और कानपुर में हुए ब्लास्ट मामले में अजमेर की टाडा कोर्ट ने अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।


नेपाल भागने की आशंका थी


उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि अंसारी को कानपुर में तब गिरफ्तार किया गया, जब वह मस्जिद से निकलकर रेलवे स्टेशन जा रहा था। अंसारी मूलत: उप्र के संतकबीरनगर जिले का रहने वाला है। ऐसे में मुंबई से भागने के बाद आशंका थी कि वह नेपाल के रास्ते भारत से फरार हो सकता है।


बेटे ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
अंसारी मुंबई के अग्रीपाड़ा इलाके के मोमिनपुरा का रहने वाला है। पैरोल के दौरान उसे रोजाना थाने में हाजिरी लगानी होती थी। लेकिन, गुरुवार को अंसारी थाने नहीं पहुंचा था। दोपहर को अंसारी के बेटे ने थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उसने पुलिस को बताया था कि उसके पिता सुबह नमाज पढ़ने के लिए घर से निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे।


डॉक्टर बम के नाम से कुख्यात है अंसारी


जलीस अंसारी एमबीबीएस डॉक्टर है। वह आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा हुआ था और आतंकियों को बम बनाने की ट्रेनिंग देता था, इसी के चलते लोग उसे 'डॉक्टर बम' के नाम से बुलाने लगे। 2008 के मुंबई ब्लास्ट केस में भी एनआईए ने 2011 में अंसारी से पूछताछ की थी।