वादाखिलाफी पर विरोध / भाजयुमो के प्रदर्शन के दौरान हालात बिगड़े, पुलिस ने पहले कार्यकर्ताओं पर वॉटर कैनन किया, फिर लाठी भांजी, जेल परिसर भेजा


इंदौर. भारतीय जनता युवा मोर्चा ने गुरुवार को कांग्रेस सरकार पर युवाओं के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाकर उग्र प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में कलेक्टर का घेराव करने पहुंचे कार्यकर्ताओं को देख पुलिस ने बैरीकेड्स लगाकर रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी उसे फांदने लगे। इस पर पुलिस ने पहले पानी की बौछार कीं, लेकिन भीड़ के तितर-बितर नहीं होने पर हल्का बल प्रयोग किया। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर जिला जेल परिसर में भेजा। उधर, उज्जैन में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।



मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के एक साल पूरे होने पर पार्टी जश्न मना रही है, दूसरी तरफ भाजपा कमलनाथ सरकार पर विकास को रोकने का आरोप लगा रही है। गुरुवार दोपहर भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में प्रदर्शन किया। यहां कार्यकर्ताओं ने थाली बजाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बैरिगेड्स हटाने लगे। इस पर वहां मौजूद पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस पर वे जाली को फांदकर भीतर घुसने लगे। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने पहले उन्हें पानी का बौछारें कर दूर हटाने की कोशिश की। इसके बाद भीड़ पर हल्का बल प्रयोग किया। पुलिस के लाठी भांजने पर कार्यकर्ता उग्र हो गए और विवाद बढ़ गया। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।



प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे थाली बजाकर निकम्मी और सोई सरकार को जगाने का प्रयास कर रहे हैं। कहा- यह सरकर चुनाव में बड़े-बड़े वादे कर सत्ता में आई, लेकिन अब सभी वादे भूल गई। युवाओं को चार हजार रुपए रोजगार भत्ता देने की बात हो या किसानों का कर्जा माफ करने की बात। इस सरकार ने एक भी वादे पूरे नहीं किए। भाजपा सरकार के समय की जनकल्याणकारी योजनाओं को भी बंद कर दिया। 


उज्जैन में भी सरकार पर चुनावी वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाकर भाजपाइयों ने विरोध प्रदर्शन किया। मप्र में भी नागरिकता कानून को लागू करने का समर्थन किया। प्रदर्शन के दौरान उज्जैन में भाजयुमो कार्यकर्ता और माधवनगर पुलिस आमने-सामने आ गई। तीखी नोकझोंक के बाद पुलिस ने समझाइश देकर शांत किया। मध्य प्रदेश सरकार पर नागरिकता कानून लागू नहीं करने के विरोध में कार्यकर्ता रैली निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें धारा- 144 का हवाला देकर रोक दिया, जिसके बाद विरोध शुरू हो गया।