सीएए के विरुद्ध पोस्ट को लेकर पुत्री के बचाव में आए पिता सौरभ गांगुली


नई दिल्ली । नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में देश भर में प्रदर्शन के बीच बीसीसीआई प्रमुख और पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली की बेटी सना की एक पोस्ट काफी चर्चा में रही। पोस्ट को लेकर आलोचकों के निशाने पर आई बेटी के बचाव में खुद सौरभ दादा उतरे। दादा ने अपने ट्विटर पर कहा कि उनकी बेटी अभी काफी युवा हैं और उन्हें राजनीतिक मामलों की समझ नहीं है। गांगुली ने सोशल मीडिया पर अपनी बेटी को राजनीति से दूर रखने की अपील भी की। सना के इंस्टाग्राम अकाउंट से फासीवाद के विरोध में एक पोस्ट डाली गई थी जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई, लेकिन बाद में वह पोस्ट हटा ली गई।
देर रात पूर्व भारतीय कप्तान ने ट्वीट कर बेटी सना का बचाव किया। उन्होंने ट्वीट किया, 'कृप्या सना को इन सबसे बाहर रखें... यह पोस्ट सच नहीं है... राजनीति में कुछ भी समझने के लिए वह बहुत छोटी है।' इस ट्वीट को पूर्व कप्तान ने अपना पिन ट्वीट भी बनाया है। इसके साथ ही उन्होंने बुधवार देर शाम बेटी के स्कूल के आखिरी दिन की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि 14 साल के स्कूल लाइफ का आज आखिरी दिन है।
गांगुली की 18 साल की बेटी सना फिलहाल 12वीं में हैं। अपनी मां की ही तरह वह भी एक प्रशिक्षिक ओडिशी नृत्यांगना हैं और कई बार उनके साथ मंच पर प्रस्तुति भी दे चुकी हैं। सना ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर खुशवंत सिंह की किताब के एक अंश को पोस्ट किया था। मशहूर लेखक खुशवंत सिंह की किताब 'द एंड ऑफ इंडिया' के एक अंश को उन्होंने इंस्टाग्राम पर शेयर किया था। पोस्ट में लिखा था कि फासीवादी ताकतें हमेशा एक या दो कमजोर वर्ग को निशाना बनाती हैं। इसी पोस्ट में आगे लिखा था, 'नफ़रत के आधार पर उपजा आंदोलन तभी तक चल सकता है जब तक भय और संघर्ष का माहौल बना रहे। आज हम में से जो लोग यह सोच कर ख़ुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं कि वो मुसलमान या ईसाई नहीं हैं, वो मूर्खों की दुनिया में जी रहे हैं।' बाद में वह पोस्ट डिलीट कर दी गई। सौरभ और डोना की इकलौती संतान सना गांगुली सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उन्होंने कई बार अपने पिता के साथ तस्वीरें शेयर की हैं। कुछ दिन पहले भी उन्होंने अपने पापा की एक तस्वीर शेयर की थी जिसकी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हुई।