संसद पर हमले की 18वीं बरसी पर राष्ट्रपति, पीएम व अन्य ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि 


नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,  गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद समेत केंद्रीय मंत्रियों और पक्ष-विपक्ष के अनेक नेताओं ने संसद पर हमले के दौरान अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले जवानों और कर्मचारियों को संसद परिसर में आयोजित किए गए कार्यक्रम में श्रद्धांजलि अर्पित की। 
ज्ञात हो कि 18 साल पहले 13 दिसंबर 2001 में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादियों ने संसद पर हमला करते हुए खुलेआम गोलीबारी की थी। इस हमले का मास्टर माइंड अफजल गुरू था। हमले में दिल्ली पुलिस के पांच जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला जवान, संसद परिसर में तैनात वॉच एंड वार्ड कर्मचारी और एक माली समेत नौ लोगों की मौत हुई थी। इस घटना में एक पत्रकार भी घायल हो गए थे, जिनकी बाद में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। भारतीय लोकतंत्र के मंदिर पर हमला करने वाले पांचों आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। 
राष्ट्रपति कोविंद ने एक ट्वीट में कहा कि एक कृतज्ञ देश शहीदों की बहादुरी और उनके साहस को नमन करता है जिन्होंने 2001 में संसद भवन की आतंकवादियों से रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। हम आतंकवाद के हर रूप को खत्म करने और उसे हराने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने ट्वीट किया, आज हम उन शहीदों को याद करें जिन्होंने आतंकवादी हमले से संसद को बचाने के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों का नमन किया। उन्होंने ट्वीट किया संसद पर हुए हमले के दौरान संसद की रक्षा करते हुए जान गंवाने वाले बहादुरों को कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा दी जा रही श्रद्धांजलि में खुद को शामिल करता हूं। नया भारत हमेशा ही उनके नि:स्वार्थ भाव, साहस और शक्ति के लिए आभारी रहेगा। 
तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट कर संसद हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। पार्टी ने कहा किसी भी रूप में हिंसा निंदनीय है। आइए हम सब शांति की कामना करें। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, भारत के संसद पर हमले की आज 18वीं बरसी है। इस दिन अपनी जान गवांने वाले लोगों को हृदय से याद कर रही हूं। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के प्रति हैं, जो ड्यूटी के दौरान घायल हुए थे। उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में आतंक और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। 
अनिरुद्ध, ईएमएस, 13 दिसंबर 2019