पी चिदंबरम को सशर्त मिली जमानत, पासपोर्ट रहेगा जब्त


- 105 दिनों से जेल में बंद
नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में बड़ी राहत मिली है। तिहाड़ जेल में 105 दिनों बंद पी. चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से आज सशर्त जमानत मिल गई। उनके वकील कपिल सिब्बल से कांग्रेस सांसद और पूर्व वित्त मंत्री के पुत्र कार्ति चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में मुलाकात की थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाने से पहले माना कि आर्थिक अपराध काफी गंभीर होते हैं और जमानत का फैसला केस की मेरिट पर निर्भर करता है। कार्ति ने मीडिया से बात करते हुए उम्मीद जताई थी कि उनके पिता को आज जमानत मिल जाएगी। कोर्ट ने उन्हें शर्तों के साथ जमानत दी है, उनका पासपोर्ट जब्त रहेगा। ताकि वह देश छोड़कर ना जा पाएं। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जेल से बाहर आने के बाद वह मीडिया से बात नहीं करेंगे। प्रेस इंटरव्यू और मीडिया में बयान देने पर रोक लगा दी गई है। उन्हें दो लाख के बॉन्ड और दो लाख के मुचलके पर जमानत दी गई है।
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा, 'अपराध की गंभीरता को हर मामले के तथ्यों और परिस्थितियों से निपटना पड़ता है। आर्थिक अपराध गंभीर अपराध हैं। न्यायालयों को मामले की प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना होगा। अपराध की 'गंभीरता' को ध्यान में रखने के लिए दी जाने वाली शर्तों में से एक है निर्धारित सजा। यह ऐसा नियम नहीं है कि हर मामले में जमानत से इनकार किया जाना चाहिए। निष्कर्ष यह है कि किसी अन्य मामले की मिसाल के आधार पर जमानत देने या जमानत से इंकार करने की जरूरत नहीं है। केस टू केस आधार पर विचार होना चाहिए।'
साथ ही कहा, 'दिल्ली हाईकोर्ट ने अपराध के गंभीरता से संबंधित जमानत को सही ठहराया था। हालांकि, हम मामले की मेरिट पर दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं। वर्तमान परिस्थितियों में हम सीलबंद कवर दस्तावेज़ों को खोलने में रुचि नहीं रखते थे। लेकिन जब इसे दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा खोला गया था तो हमने सीलबंद कवर की सूचना ले ली है। पूर्व में जमानत के लिए मना कर दिया गया था और अपीलकर्ता 40 दिनों के लिए पूछताछ के लिए उपलब्ध था।'
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में उन्हें 5 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने गत गुरुवार को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान ईडी ने अदालत में कहा कि वह उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को भी गिरफ्तार करना चाहती है और वे प्रॉटेक्शन हटने का इंतजार कर रहे हैं। बता दें, उनके खिलाफ सीबीआई ने भी केस दर्ज किया था जिसमें उन्हें जमानत मिल चुकी है। अब वह जेल से बाहर आ जाएंगे। जस्टिस आर बानुमति, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश रॉय की तीन जजों की बेंच फैसला सुनाया है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपनी दलील में कहा कि चिदंबरम की महज उपस्थिति ही गवाहों को डराने धमकाने के लिए काफी है, उन्हें कम से कम तब तक जमानत नहीं दी जाए जब तक अहम गवाहों से पूछताछ नहीं हो जाती। सीबीआई ने कहा, 'आज ऐसा दौर है जब आर्थिक अपराधों के आरोपी देश से भाग रहे हैं, एक राष्ट्र के रूप में हम इस समस्या से जूझ रहे हैं।' सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि भ्रष्टाचार मामले की जांच जारी है और सिंगापुर तथा मॉरीशस को भेजे गए आग्रह पत्र पर जवाब का इंतजार किया जा रहा है।
क्या है आईएनएक्स मीडिया केस-
आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड प्राप्त करने के संबंध में अनियमितता पाई गई थीं। यह पाया गया था कि फंड के लिए क्लियरेंस देने में विदेश निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) में गड़बड़ियां हुई थीं। उस वक्त पी। चिदंबरम वित्त मंत्री थे। सीबीआई ने मई 2017 को चिदंबरम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। कांग्रेस नेता पर आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया समूह को लाइसेंस देने के बदले उन्होंने अपने पुत्र की कंपनी को मदद करने का प्रस्ताव रखा था। उन पर पद का दुरुपयोग, मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।