निर्भया केस: दोषियों की फांसी का तख्त तैयार


100 किलो की डमी के साथ ट्रायल
नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में बंद निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने वाले मामले में अभी तक तिहाड़ जेल प्रशासन के पास कोई अंतिम लेटर नहीं आया है लेकिन इससे पहले जेल प्रशासन ने अपनी तैयारियों का जायजा लेना शुरू कर दिया है। इसके तहत अगर इन चारों को फांसी दी जाती है तो इनमें से अधिकतम वजन वाले कैदी के वजन के हिसाब से एक डमी को फांसी देकर देखा गया। डमी में 100 किलो बालू-रेत भरी गई थी। डमी को एक घंटे तक फांसी के तख्ते पर लटकाए रखा गया। इसके पीछे का मकसद यह देखना था कि अगर दोषियों को फांसी दी जाती है तो क्या फांसी देने वाले वह स्पेशल रस्सी इनके वजन से टूट तो नहीं जाएगी क्योंकि 9 फरवरी, 2013 को जब संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल को फांसी पर लटकाया गया था। तब उससे पहले भी उसके वजन की डमी को फांसी देकर ट्रायल किया गया था। उस ट्रायल में रस्सी टूट गई थी। इस बार मामला चार कैदियों का है। इसी वजह से जेल प्रशासन फांसी देते वक्त कोई चांस नहीं लेना चाहता।
बक्सर से मंगाई गई है रस्सी
तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसा नहीं है कि फांसी देने के लिए सारी रस्सी बक्सर से ही मंगाई जाएंगी। हमारे पास पांच रस्सी अभी भी हैं, लेकिन हम बक्सर प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं। वहां से फांसी देने वाली स्पेशल 11 रस्सी मंगाए जाने की बात है। इन्हें जल्द मंगा लिया जाएगा क्योंकि अगर इन चारों को फांसी दी जाती है तो तिहाड़ जेल के पास जो पांच रस्सियां हैं। वह कम पड़ जाएंगी। इनमें से एक-दो रस्सी से ट्रायल भी किया जाना है।
यूपी से मंगाया जा सकता है जल्लाद
अधिकारी का कहना है कि यूं तो फांसी देने के लिए जल्लाद की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन फिर भी जरूरत महसूस हुई तो यूपी, महाराष्ट्र या फिर बंगाल से जल्लाद बुलाया जा सकता है। इसके लिए छानबीन शुरू कर दी गई है। निर्भया के चार दोषियों में से एक पवन को मंडोली की जेल नंबर-14 से तिहाड़ की जेल नंबर-2 में शिफ्ट कर दिया गया है। इसी जेल में निर्भया के चार दोषियों में से दो अक्षय और मुकेश भी बंद हैं। जबकि विनय शर्मा जेल नंबर-4 में कैद है।
जेल नंबर-3 में ही है फांसी का तख्त
अधिकारियों का कहना है कि इन दिनों तिहाड़ जेल में हर ओर निर्भया के दोषियों को ही फांसी पर लटकाने की बातें होती रहती हैं। इससे यह भी अब डरने लगे हैं। जब पवन को मंडोली से तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया था। एक बार को उसे लगा था कि यह उसकी आखिरी रात है। जेल प्रशासन का कहना है कि रोहिणी, मंडोली और तिहाड़ में से तिहाड़ की जेल नंबर-3 में ही फांसी का तख्ता है। उग रहे घास-फूस को साफ कर दिया गया है।