नागरिकता विधेयक: असम में तनाव, इंटरनेट बंद


बंगाल में 5 ट्रेन और 30 बसें फूंकी
कोलकाता । नागरिकता कानून के विरोध में असम, त्रिपुरा, नगालैंड समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा। पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए। हावड़ा-मुर्शिदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने बसें, स्टेशन, दुकानें और टोल प्लाजा फूंक दी। मुर्शिदाबाद जिले के कृष्णपुर स्टेशन पर भीड़ ने पांच खाली ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया। लालगोला स्टेशन पर रेल पटरियों पर तोडफ़ोड़ की गई। जिले के सुती में, प्रदर्शनकारियों ने तीन सरकारी बसों में तोड़-फोड़ की और यात्रियों को जबरन बस से उतारकर एक बस को आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मुंबई और दिल्ली रोड को कोलकाता से जोडऩे वाले कोना एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया और करीब 30 सार्वजनिक एवं निजी बसें फूंक दीं। मालदा और मुर्शिदाबाद में भी कई बसों को आग के हवाले कर दिया। मुर्शिदाबाद जिले में कुछ इलाकों में हालात अनियंत्रित होता देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
असम में इंटरनेट सेवा ठप
असम में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं ठप कर दी गई हैं। गुवाहाटी में सुबह 7 बजे से शाम चार बजे तक जबकि, डिब्रूगढ़ में सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ढील दी गई। दुकानों के बाहर लंबी कतारें नजर आईं। पेट्रोल पंप भी खोल दिए गए हैं, जहां वाहनों की कतारें दिखीं। 
कर्मचारी 18 को हड़ताल पर रहेंगे
सदोउ असम कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष बासब कलिता ने बताया कि राज्य सरकार के सभी कर्मचारी 18 दिसंबर को कार्यालय नहीं जाएंगे। राज्य में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने असोम जातीयवादी युवा छात्र परिषद और मूल निवासियों के 30 अन्य संगठनों के साथ विरोध प्रदर्शन किया। इसमें वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, शिक्षकों, कलाकारों, गायकों के साथ तमाम बुद्धिजीवी शामिल हुए।
गुवाहाटी से ट्रेनों का संचालन शुरू
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि ऊपरी असम जिलों की ओर जाने वाली सभी ट्रेनें गुवाहाटी में रद्द कर दी गई, जबकि गुवाहाटी से जाने वाली लंबी दूरी की सभी ट्रेनों ने शाम पांच बजे नाकेबंदी हटाए जाने के बाद अपनी आगे की यात्रा फिर से शुरू कर दी। हालांकि, आठ एक्सप्रेस सहित 78 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं जबकि 39 ट्रेनों का मार्ग बदला गया है। रेलवे प्रशासन फंसे लोगों को निकालने के लिए कई विशेष  रेलगाडिय़ां चला  रहा है।